अदालत का दावा- ‘सलमान खान के खिलाफ पड़ोसी के बयान सबूतों से समर्थित हैं…’
एक दीवानी अदालत ने यहां कहा है कि बॉलीवुड अभिनेता सलमान खान के खिलाफ एक पड़ोसी द्वारा दिए गए बयान “दस्तावेजी साक्ष्य” द्वारा समर्थित प्रतीत होते हैं। अदालत ने पिछले हफ्ते खान को अंतरिम राहत देने से इनकार कर दिया था जिन्होंने पनवेल में अपने फॉर्महाउस के बगल में रहने वाले केतन कक्कड़ के खिलाफ मानहानि का मुकदमा दायर किया था। अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश अनिल लड्ढाद ने खान की उस याचिका को खारिज कर दिया जिसमें कक्कड़ को पड़ोसी रायगढ़ जिले के पनवेल में खान के फार्महाउस के संबंध में उनके या उनके परिवार के सदस्यों के खिलाफ कोई और टिप्पणी करने से रोकने के लिए अंतरिम आदेश देने की मांग की गई थी। विस्तृत आदेश बुधवार को उपलब्ध हुआ। अनिवासी भारतीय (एनआरआई) केतन कक्कड़ की मुंबई के पास रायगढ़ जिले के पनवेल में खान के फार्महाउस के बगल में एक पहाड़ी पर एक जमीन है।
सलमान खान के मानहानि वाद के मुताबिक, कक्कड़ ने एक यू-ट्यूबर (ऐप पर वीडियो डालने वाले) को दिए साक्षात्कार में अभिनेता के खिलाफ मानहानिकारक टिप्पणी की थी। खान के वकील प्रदीप गांधी ने तर्क दिया कि कक्कड़ ने वीडियो, पोस्ट और ट्वीट में झूठे, अपमानजनक और मानहानिकारक आरोप लगाए। वकील ने अदालत को बताया कि कक्कड़ ने खान के फार्महाउस के बगल में एक भूखंड खरीदने की कोशिश की थी, लेकिन अधिकारियों ने इस आधार पर लेनदेन रद्द कर दिया कि यह अवैध था।
गांधी ने कहा कि कक्कड़ ने झूठे आरोप लगाना शुरू कर दिया कि खान और उनके परिवार के कहने पर लेन-देन रद्द कर दिया गया था। कक्कड़ की ओर से पेश अधिवक्ता आभा सिंह और आदित्य प्रताप ने खान द्वारा मांगी गई राहत का विरोध करते हुए तर्क दिया कि बयान खान की संपत्ति के बारे में तथ्यों के इर्द-गिर्द घूमते हैं और मानहानि कारक नहीं हो सकते। वकीलों ने दावा किया कि कक्कड़ ने 1996 में अपनी जमीन खरीदी थी। वह 2014 में सेवानिवृत्त हुए और वहां रहना चाहते थे, लेकिन सलमान खान और उनके परिवार की वजह से अपनी जमीन तक नहीं पहुंच सके।
न्यायाधीश ने रिकॉर्ड में रखे गए ट्वीट और वीडियो की जांच करने के बाद कहा कि खान ने यह नहीं बताया कि ट्वीट में निहित संकेत उनसे कैसे संबंधित हैं। अदालत ने कहा कि खान द्वारा कक्कड़ को अपनी जमीन पर आने से रोकने के आरोप की पुष्टि करने के लिए “दस्तावेजी सबूत” हैं।