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COVID-19: एक दिन में देश में 34 लोगों की मौत, 1229 नए मामले आये सामने

भारत में विदेशी नागरिकों सहित कोरोना वायरस महामारी से संक्रमित होने वालों की संख्या गुरुवार (23 अप्रैल) को बढ़कर 21,700 हो गई है। स्वास्थ्य मंत्रालय ने गुरुवार शाम को जारी आंकड़ों में कहा कि देश में कोविड-19 संक्रमण के चलते 686 मौतें हुई हैं और वर्तमान में कुल 16,689 व्यक्ति महामारी से संक्रमित हैं। वहीं, पिछले 24 घंटे में कोरोना के 1229 नए मामले सामने आए हैं, जबकि 34 लोगों को इस वायरस की वजह से अपनी जान गंवानी पड़ी है। पिछले 24 घंटों में कोरोना से संक्रमित 388 लोगों के स्वस्थ होने के साथ ऐसे लोगों की संख्या 4325 (1 माइग्रेटेड) पर पहुंच गई है।

महाराष्ट्र में कोविड-19 से सबसे ज्यादा मौत
स्वास्थ्य मंत्रालय की ओर से गुरुवार (23 अप्रैल) जारी किए गए आंकड़ों के मुताबिक कोरोना वायरस का प्रकोप देश के 33 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में फैल चुका है। कोविड-19 से सबसे गंभीर रूप से प्रभावित महाराष्ट्र में अब तक 269 मौतें हुई हैं, जबकि मध्यप्रदेश में 81 लोगों को इस वायरस ने लील लिया है। वहीं, गुजरात में संक्रमण के चलते 103 और उत्तर प्रदेश व दिल्ली में क्रमशः 21 और 48 लोगों की जान गई है।” कोरोना वायरस संक्रमण के सबसे अधिक मामले 5652 महाराष्ट्र से ही आए हैं। इसके बाद 2407 मामलों के साथ गुजरात दूसरे, जबकि 2248 मामलों के साथ दिल्ली तीसरे स्थान पर है।

इससे पहले, कोरोना संकट से निपटने के लिए लागू किए गए देशव्यापी बंद (लॉकडाउन) के दौरान संक्रमण फैलने की गति को स्थिर रखने में मिली कामयाबी को सरकार ने अहम उपलब्धि करार दिया। देश में लागू बंद को बृहस्पतिवार (23 अप्रैल) को 30 दिन पूरे हो गए। कोरोना संकट से निपटने के लिए सरकार द्वारा गठित वरिष्ठ अधिकारियों के समूह की अध्यक्षता कर रहे पर्यावरण सचिव सी के मिश्रा ने नियमित संवाददाता सम्मेलन में बताया कि पिछले एक महीने में कोरोना वायरस के संक्रमण फैलने की गति और संक्रमित मरीजों की संख्या में वृद्धि की गति में निरंतर गिरावट आ रही है। इस आधार पर यह कहा जा सकता है कि महामारी का प्रकोप बढ़ने की गति स्थिर बनी हुई है।

उल्लेखनीय है कि कोरोना वायरस की महामारी के मद्देनजर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अपील पर देश में 22 मार्च को ‘जनता कर्फ्यू’ पर अमल के बाद केंद्र सरकार ने 25 मार्च से 21 दिन का देशव्यापी लॉकडाउन घोषित किया था। बाद में इसकी अवधि को तीन मई तक के लिए बढ़ाया गया है। मिश्रा ने लॉकडाउन की अवधि में इस महामारी को रोकने के लिए किए गए उपायों और इनसे हुए लाभ का ब्योरा देते हुए बताया कि 23 मार्च तक किए गए कुल परीक्षण में 4.5 प्रतिशत संक्रमित मरीज थे और 22 अप्रैल को भी कुल परीक्षण में संक्रमित मरीजों की हिस्सेदारी 4.5 प्रतिशत ही है। उन्होंने कहा कि इससे स्पष्ट है कि देश में वायरस के संक्रमण की प्रसार दर स्थिर बनी है।

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