
सड़क सुरक्षा का संस्कार : सीपी ने दिया जिम्मेदार नागरिकता का संदेश
यातायात माह के समापन पर सीपी का बड़ा संदेश, नियम निभाइए, जीवन बचाइए, लापरवाही पर अब नहीं चलेगी ढील, नुक्कड़ नाटक ने दिखाई वास्तविकता की अनगढ़ तस्वीर, सड़क सुरक्षा की शपथ के साथ ‘सुरक्षित काशी’ का संकल्प”, हेलमेट, सीट बेल्ट की अनिवार्यता से लेकर मॉडिफाइड साइलेंसर पर कड़ी कार्रवाई तक, कमिश्नरेट ने दिया स्पष्ट संदेश, लापरवाही नहीं चलेगी
–सुरेश गांधी
वाराणसी : यातायात माह : 2025 का भव्य एवं गरिमामय समापन केवल एक औपचारिक कार्यक्रम नहीं रहा, बल्कि संपूर्ण शहर के लिए एक महत्वपूर्ण सामाजिक संदेश बनकर उभरा। पुलिस आयुक्त मोहित अग्रवाल के नेतृत्व में आयोजित यह समारोह बताता है कि सड़क सुरक्षा अब सिर्फ प्रशासन की जिम्मेदारी नहीं, बल्कि हर नागरिक के मूल्यबोध का हिस्सा बननी चाहिए। वाराणसी, जहां आस्था और परंपरा का प्रवाह निरंतर बहता है, वहीं सड़क सुरक्षा की संस्कृति भी उतनी ही अनिवार्य है, यह कार्यक्रम उसी दिशा में एक सार्थक कदम साबित हुआ। समापन समारोह में मंचित नुक्कड़ नाटक ने लापरवाहीपूर्ण ड्राइविंग की भयावहता को लोगों के सामने सजीव रूप में रखा। हेलमेट, सीट बेल्ट और मोबाइल फोन से दूरी, ये बातें कितनी सामान्य हैं, लेकिन इनकी अनदेखी ही कई परिवारों के लिए आज भी स्थायी पीड़ा बन जाती है। प्रदर्शन ने यह सिखाया कि सड़क पर की गई एक गलती, एक क्षण की चूक, किसी के पूरे जीवन को बदल देती है। कार्यक्रम में वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों, यातायात पुलिस इकाई, स्कूल के छात्र-छात्राओं, सामाजिक संगठनों तथा जनसामान्य की उल्लेखनीय उपस्थिति रही, जिसने आयोजन को सामाजिक संवेदना और सहभागिता का विस्तृत रूप दिया।
तकनीक, प्रशिक्षण और अनुशासन, भविष्य का ट्रैफिक मॉडल
कार्यक्रम स्थल पर लगी यातायात प्रदर्शनी ने यह स्पष्ट किया कि भविष्य का सुरक्षित यातायात तकनीक आधारित ही होगा। शहर के चौराहों पर आधुनिक सिग्नल सिस्टम, सेफ्टी इक्विपमेंट और मॉनिटरिंग डिवाइस न केवल दुर्घटनाओं को रोकेंगे, बल्कि ट्रैफिक के बेहतर अनुशासन में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे। फिर भी, तकनीक तभी सार्थक है जब नागरिक स्वयं जिम्मेदारी निभाएं और यही इस आयोजन का मूल संदेश रहा।
मॉडिफाइड साइलेंसर, प्रेशर हार्न पर सख्ती समय की मांग
प्रेशर हार्न, मॉडिफाइड साइलेंसर और अवैध साइरन जैसे उपकरण न केवल अवैध हैं, बल्कि शहर की शांति और स्वास्थ्य पर सीधा हमला हैं। पुलिस आयुक्त का इन पर कड़ी कार्रवाई का निर्देश बताता है कि ‘न्यू वाराणसी’ केवल विकास नहीं, अनुशासन का शहर भी होगा। जो शोर-शराबा आम बात समझा जाता था, अब वह अपराध की श्रेणी में आएगा, यह सख्ती स्वागत योग्य है।
सड़क सुरक्षा की सामूहिक शपथ, जिम्मेदारी का सामूहिक संकल्प
समारोह का सबसे महत्वपूर्ण क्षण रहा सामूहिक सड़क सुरक्षा संकल्प। हेलमेट, सीट बेल्ट, ओवरस्पीडिंग से दूरी और शराब पीकर वाहन न चलाने की प्रतिज्ञा न केवल एक कार्यक्रम का हिस्सा थी, बल्कि वाराणसी के नागरिक चरित्र की नई परिभाषा भी है। अगर शहर का हर व्यक्ति इस संकल्प को जीवनशैली में शामिल करे, तो सड़क दुर्घटनाएँ स्वतः ही घटेंगी.
सम्मानित पुलिसकर्मी और जागरूकता के दूत बने बच्चे
पुलिसकर्मियों को दिया गया सम्मान यह स्वीकारोक्ति है कि ट्रैफिक व्यवस्था एक कठिन, परंतु अत्यंत महत्वपूर्ण जिम्मेदारी है। उनकी मेहनत ही शहर को सुरक्षित मार्ग देती है। वहीं स्कूल के बच्चों को दिए गए पुरस्कार भविष्य की आशा हैं, क्योंकि वे ही परिवारों और समाज में सड़क सुरक्षा के सबसे प्रभावी दूत बनेंगे।

सीपी मोहित अग्रवाल ने संवेदनशीलता और चेतावनी का संदेश
पुलिस आयुक्त मोहित अग्रवाल का संबोधन कार्यक्रम की आत्मा साबित हुआ। वास्तविक घटनाओं और निजी अनुभवों के जरिए उन्होंने यह स्पष्ट किया कि यातायात नियमों का पालन केवल कानूनी उत्तरदायित्व नहीं, बल्कि मानवीय संवेदनशीलता की पहली शर्त है। उनका यह संदेश विशेष रूप से युवाओं के लिए महत्वपूर्ण है, क्योंकि सड़कें सबसे अधिक उन्हीं की लापरवाही का बोझ झेलती हैं। मोहित अग्रवाल ने सड़क दुर्घटनाओं के वास्तविक उदाहरणों और अपने व्यक्तिगत अनुभवों के माध्यम से लोगों को भावनात्मक रूप से झकझोर दिया। उन्होंने कहा कि “प्रत्येक जीवन अनमोल है। यातायात नियमों का पालन करना केवल कानून नहीं बल्कि मानवीय संवेदनशीलता की पहली शर्त है।”
उन्होंने युवाओं से विशेष रूप से अपील की कि वे सड़क सुरक्षा को आदत नहीं बल्कि जीवनशैली बनाएं। साथ ही कमिश्नरेट द्वारा आधुनिक तकनीक के उपयोग, चौराहों के विकास और सुरक्षा चिह्नों के अद्यतन पर लगातार कार्य किए जाने की भी जानकारी दी। मतलब साफ है कमिश्नरेट में आयोजित यातायात माह, का समापन बताता है कि सड़क सुरक्षा कोई सरकारी अभियान नहीं, बल्कि सामूहिक सामाजिक चेतना है। शहर ने यह स्वीकार किया है कि जीवन अनमोल है और उसकी सुरक्षा के लिए अनुशासन, कानून से पहले, संस्कार होना चाहिए। सीपी मोहित अग्रवाल का यह संदेश पूरे प्रदेश के लिए उदाहरण बन सकता है : सड़क सुरक्षा दूसरों के लिए नहीं, अपने लिए है।
नुक्कड़ नाटक बना मुख्य आकर्षण
कार्यक्रम का सबसे प्रभावी हिस्सा रहा नुक्कड़ नाटक, जिसमें सड़क दुर्घटनाओं के कारणों, हेलमेट और सीट बेल्ट के महत्व, मोबाइल फोन के खतरों तथा लापरवाहीपूर्ण ड्राइविंग की भयावहता को बेहद सजीव तरीके से प्रस्तुत किया गया। नाटक ने लोगों को यह संदेश दिया कि सड़क पर की गई छोटी-सी गलती जीवन भर का पछतावा बन सकती है।
सड़क सुरक्षा की सामूहिक शपथ
पूरे कार्यक्रम का केंद्रबिंदु रहा सामूहिक सड़क सुरक्षा संकल्प, जिसमें पुलिस आयुक्त ने उपस्थित नागरिकों को निम्न प्रतिज्ञाएं दिलाईं :-
दोपहिया पर हेलमेट का अनिवार्य उपयोग
चारपहिया वाहन में सीट बेल्ट बांधने की आदत
शराब पीकर वाहन न चलाने की प्रतिबद्धता
ओवरस्पीडिंग और तेज रफ्तार से दूरी
ड्राइविंग के दौरान मोबाइल फोन का पूर्ण त्याग
यह शपथ महज औपचारिकता नहीं बल्कि सुरक्षित काशी का सामूहिक प्रण बन गई।
उत्कृष्ट पुलिसकर्मियों व प्रतिभागियों का सम्मान
यातायात माह के दौरान जागरूकता अभियानों, प्रवर्तन कार्यों और विभिन्न प्रतियोगिताओं में सक्रिय भूमिका निभाने वाले पुलिसकर्मियों को प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया गया। यह सम्मान उन प्रयासों की सराहना है जिनकी वजह से शहर की यातायात व्यवस्था अधिक अनुशासित और जनहितकारी हुई। इसी क्रम में पोस्टर-मेकिंग, पेंटिंग, क्विज़ और स्लोगन प्रतियोगिताओं में उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले बच्चों को पुरस्कृत किया गया। पुलिस आयुक्त ने कहा कि ये बच्चे भविष्य के सड़क सुरक्षा एंबेसडर हैं, जो समाज में सकारात्मक संदेश ले जाएंगे।



