जोशीमठ: उत्तराखंड के ‘धंसते शहर’ जोशीमठ में सेना के कुछ बैरकों में दरार आई है। इसके चलते कुछ जवानों को ऊपर के दूसरे बैरक में शिफ्ट किया गया है। गनीमत है कि इस आपदा से सेना का ब्रिगेड हेड क्वार्टर फिलहाल सुरक्षित है। बावजूद इसके बॉर्डर रॉड्स, सेना और आईटीबीपी की हालात पर पूरी नजर है। उधर, सूचना मिलने पर केंद्रीय रक्षा राज्य मंत्री अजय भट्ट भी बुधवार को जोशीमठ पहुंचे थे। उन्होंने हालात का जायजा लेने के साथ ही अधिकारियों को जरूरी दिशा निर्देश दिया था।
प्राप्त जानकारी के मुताबिक जोशीमठ में भू धंसाव से पैदा हुए खतरे का दायरा लगातार बढ़ रहा है। बताया जा रहा है कि इस भू धंसाव के चलते जोशीमठ स्थित सेना के कई बैरकों में भी दरार आ गई है। यह दरार उन बैरकों में ज्यादा देखी जा रही है जो नदी के करीब हैं। गनीमत है कि इस आपदा का सेना के बिग्रेड हेड क्वार्टर पर अब तक कोई असर नहीं पड़ा है। सेना का बिग्रेड हेड क्वार्टर ऊंची पहाड़ी पर है। ऐसे में प्रभावित बैरकों में रह रहे जवानों को ऊपर की बैरकों में शिफ्ट कर दिया गया है। इसी प्रकार आईटीबीपी का बटालियन भी अभी तक इस आपदा से पूरी तरह सुरक्षित है। हालांकि हालात पर नजर रखने और किसी भी परिस्थिति से निपटने के लिए आईटीबीपी की तीन कंपनी स्टैंड बाई पर रखा गया है।
आधिकारिक सूत्रों के मुताबिक जोशीमठ आपदा का ज्यादा असर निचले इलाकों में ही है। इन्हीं इलाकों में बनी सड़कों या जमीन के धंसने की सूचना है। इसी प्रकार सेना के भी उन्हीं बैरकों को नुकसान पहुंचा है जो निचले हिस्से में होने के साथ ही नदी के करीबी इलाकों में हैं। ऐसे हालात में सेना ने भी अपनी ओर से राहत और बचाव कार्य के साथ अपने साजो सामान की सुरक्षा के लिए अलर्ट हो गई है।