उत्तर प्रदेश में क्रिकेट बदहाल
पूर्व क्रिकेटर अशोक बाँबी की नूतन वर्ष पर शुभकामनाओं के साथ यूपी में क्रिकेट को बचाने की मार्मिक अपील
लखनऊ (अशोक बांबी): बड़े दुख के साथ सूचित करना पड़ रहा है कि उत्तर प्रदेश की टीम तीन रणजी मैचों में से दो मैच हार चुकी है और ग्रुप की सबसे सशक्त टीम यानि नागालैंड को हराने में उसने बहुत बड़ी उपलब्धि हासिल करी है. कददू पर तीर मारा है. शर्म आनी चाहिए यूपी क्रिकेट को चलाने वालो को और साथ ही साथ चयनकर्ताओं को जिनमे हिम्मत नहीं है कि वे बाहरी व अयोग्य खिलाडिय़ो को प्रदेश की टीम मे खेलने से रोक सके. और तो और जो कप्तान है लगातार 11 मैचों में 10 मैच में फेल हो चुका है फिर भी चार नंबर पर बैटिंग कर रहा है और साथ में कप्तानी भी. है किसी मे दम जो इस बाहरी खिलाडी़ को टीम से बाहर कर सके.
यूपी क्रिकेट मे एक से बढकर एक नजारे देखे है लेकिन ऐसा नजारा तो मैंने पहले कभी नहीं देखा. आज रणजी टीम मे कई बाहरी खिलाडिय़ो को खिलाया जा रहा है और न जाने कितने बाहरी खिलाडी अंडर 14,16,19 व 25 की टीमों मे खेल रहे है. अगर यही हाल रहा तो एक दिन प्रदेश की टीम मे बाहरी खिलाडिय़ो का ही बोलबाला रहेगा. अरे भाई बोलबाला तो आज भी है.
प्रदेश के सभी क्रिकेट प्रेमियों, भूतपूर्व खिलाडिय़ों, वर्तमान खिलाडिय़ो व मीडिया से आवाहन करता हूं कि वे जाग जाएं और उत्तर प्रदेश के क्रिकेट को सुधारने के लिए आगे आये अन्यथा वर्तमान खिलाडिय़ों के साथ साथ भविष्य के खिलाडिय़ों का भी भविष्य अंधकारमय होगा. मैं सभी क्रिकेट प्रेमियों, खिलाडिय़ों व अभिभावको को चेतावनी दे रहा है कि वे अभी नहीं जागे तो उनके बच्चो का भविष्य क्रिकेट मे अंधकारमय होगा इसके सिवा कुछ नही.
आप सभी को आंदोलन करना होगा, सड़को पर आना होगा वरना अपने बच्चो को क्रिकेट न खिलाओ .अगर आप लोग अभी नही जागे तो समझो चिड़िया चुग गई खेत. नव वर्ष आप के जीवन मे सुख, समृद्धि व शांति लाये व बच्चों का क्रिकेट भविष्य उज्जवल हो.