Cricketer both legs cut: क्रिकेट के दिग्गज के साथ बड़ा हादसा, इस तेज गेंदबाज के काटने पड़े दोनों पैर, फैंस शोक्ड

कराची: पाकिस्तान क्रिकेट की दुनिया से एक बेहद दुखद खबर सामने आई है। देश के पूर्व तेज गेंदबाज मोहिंदर सिंह के दोनों पैर काटने पड़े हैं। उनकी इस दर्दनाक हालत के पीछे एक गंभीर बीमारी का कारण बताया जा रहा है, जिसने उनकी सेहत को इस कदर बिगाड़ दिया कि डॉक्टरों के पास उनका जीवन बचाने के लिए ये आखिरी विकल्प ही बचा था। आइए जानते हैं कि आखिर क्या है वो वजह जिसने क्रिकेट के मैदान से उन्हें अस्पताल के बिस्तर तक ला दिया।
जैसे कि क्रिकेट की दुनिया में हर खिलाड़ी का सपना होता है कि वह अपने देश के लिए अंतरराष्ट्रीय मैदान पर उतरे और देश का नाम रोशन करे। पाकिस्तान के मोहिंदर कुमार ने भी यही सपना देखा था — और घरेलू क्रिकेट में अपनी तेज़ गेंदबाज़ी से सबका ध्यान भी खींचा। लेकिन कड़ी मेहनत और दमदार प्रदर्शन के बावजूद, वह कभी पाकिस्तानी राष्ट्रीय टीम की जर्सी नहीं पहन सके। अब वर्षों बाद उनका नाम फिर चर्चा में है, लेकिन इस बार वजह बेहद दुखद है। डायबिटीज से गंभीर रूप से पीड़ित मोहिंदर कुमार के दोनों पैर काटने पड़े हैं।
स्वास्थ्य से मिली सबसे बड़ी हार
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, मोहिंदर कुमार लंबे समय से मधुमेह (डायबिटीज) के शिकार थे। उनकी हालत तब गंभीर हो गई जब उनके दोनों पैरों में इंफेक्शन फैल गया, जो जीवन के लिए खतरा बन चुका था। डॉक्टरों के पास अंतिम विकल्प के तौर पर उनके दोनों पैर काटने का ही रास्ता बचा था। यह खबर क्रिकेट जगत और उनके चाहने वालों के लिए किसी सदमे से कम नहीं है।
क्रिकेटर से कोच तक की सफरगाथा
मोहिंदर कुमार ने 1976 से 1994 के बीच पाकिस्तान की घरेलू क्रिकेट में बतौर तेज़ गेंदबाज़ शानदार प्रदर्शन किया। 65 फर्स्ट क्लास मैचों में उन्होंने 187 विकेट चटकाए। इनमें से 10 बार उन्होंने एक पारी में 5 या उससे अधिक विकेट और 4 बार पूरे मैच में 10 विकेट झटके। उनका प्रदर्शन लाजवाब रहा, लेकिन शायद वसीम अकरम, इमरान खान और वकार यूनिस जैसे दिग्गजों की मौजूदगी के कारण उन्हें राष्ट्रीय टीम में कभी जगह नहीं मिल पाई। कुछ लोग यह भी मानते हैं कि उनका हिंदू होना भी एक वजह हो सकता है, जिसने उनके चयन में अनदेखी करवाई।
खेल से रिश्ता नहीं टूटा, युवाओं को किया तैयार
क्रिकेट को अलविदा कहने के बाद भी मोहिंदर कुमार ने खेल से नाता नहीं तोड़ा। उन्होंने कोचिंग के ज़रिए पाकिस्तान के कई युवा तेज़ गेंदबाज़ों को तैयार किया। दानिश कनेरिया, मोहम्मद सामी, तनवीर अहमद और सोहैल खान जैसे खिलाड़ी उन्हीं की देखरेख में निखरे।