कृषि आय बढ़ाने के लिए फसल विविधीकरण जरूरीः केन्द्रीय मंत्री तोमर
ग्वालियर। केन्द्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री (Union Minister of Agriculture and Farmers Welfare) नरेन्द्र सिंह तोमर (Narendra Singh Tomar) ने कहा कि ग्वालियर-चंबल अंचल में कृषि व उद्यानिकी को बढ़ावा देने के लिये केन्द्र व राज्य सरकार द्वारा अनेक सुविधाएं जुटाई जा रही हैं, जिनमें राष्ट्रीय बागवानी बोर्ड अर्थात उद्यानिकी का क्षेत्रीय कार्यालय, टिश्यू कल्चर लैब, फ्लोरी कल्चर गार्डन व राज्य स्तरीय प्रशिक्षण केन्द्र प्रमुख हैं। इन सबके माध्यम से क्षेत्र में कृषि और किसानों की प्रगति के नए द्वार खुले हैं। उन्होंने कहा कि फसल विविधीकरण आज की महत्वपूर्ण जरूरत है। किसानों को इसे प्रमुखता से अपनाना चाहिए।
केन्द्रीय मंत्री तोमर रविवार को ग्वालियर व चंबल अंचल के किसानों के लिये उद्यानिकी एवं प्रसंस्करण विषय पर कृषि महाविद्यालय ग्वालियर के ऑडिटोरियम में आयोजित संभाग स्तरीय प्रशिक्षण कार्यक्रम को वर्चुअल संबोधित कर रहे थे। कार्यक्रम की अध्यक्षता प्रदेश के उद्यानिकी एवं खाद्य प्रसंस्करण राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) भारत सिंह कुशवाह ने की। कुशवाह ने कहा कि किसानों की राय लेकर प्रदेश के बजट में कृषि योजनाओं के लिये प्रावधान किए जाएंगे।
केन्द्रीय कृषि मंत्री तोमर ने नई दिल्ली से वर्चुअल संबोधित करते हुए कहा, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की हमेशा यही इच्छा रहती है कि किसान आगे बढ़ें, उनकी आमदनी बढ़े, बिचौलियों की समाप्ति हो और खेती समृद्ध हो, ताकि देश के नव निर्माण में किसान अहम योगदान दे सकें। इसी सोच के साथ केन्द्र सरकार ने पिछले सात साल में कई अभिनव योजनाओं का सृजन कर उन्हें भलीभांति क्रियान्वित किया है।
उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना के तहत साढ़े 11 करोड़ से ज्यादा किसानों के खातों में सरकार ने पूरी पारदर्शिता के साथ एक करोड़ 82 लाख रुपये की राशि पहुँचाई है। तोमर ने कहा कि देश में 86 प्रतिशत छोटे किसान हैं। उन्हें ताकत देने के लिये सरकार 6 हजार 865 करोड़ रुपये खर्च कर 10 हजार नए एफपीओ (किसान उत्पादक संगठन) बनाए जा रहे हैं। किसानों की उपज को सुरक्षित करने के लिये वेयर हाउस और कोल्ड स्टोरेज की चैन स्थापित की जा रही है।
प्रशिक्षण कार्यक्रम के जरिए कृषि वैज्ञानिकों द्वारा ग्वालियर, दतिया, भिण्ड व मुरैना जिले के प्रगतिशील किसानों को उद्यानिकी और आलू सहित अन्य फसलों के प्रसंस्करण की बारीकियां सिखाई गईं। कृषि वैज्ञानकों द्वारा खासौर पर आलू उत्पादन व उसका प्रसंस्करण, मधुमक्खी पालन एवं जैविक उद्यानिकी का प्रशिक्षण दिया गया। इस अवसर पर किसानों से प्रदेश के बजट के लिये सुझाव भी लिए गए।
कार्यक्रम में कप्तान सिंह सहसारी सहित अन्य जनप्रतिनिधि, राजमाता विजयाराजे सिंधिया कृषि विश्वविद्यालय के अधिष्ठाता डॉ. एसएस तोमर, जिला पंचायत सीईओ आशीष तिवारी, कृषि उप संचालक डीएल कोरी समेत उद्यानिकी, कृषि व अन्य संबंधित विभागों के अधिकारी, वरिष्ठ कृषि वैज्ञानिक तथा ग्वालियर, भिंड, मुरैना व दतिया जिले के प्रगतिशील कृषक मौजूद थे।
उत्पादन के साथ प्रोसेसिंग से भी जुड़ें किसानः कुशवाह
कार्यक्रम में राज्य मंत्री कुशवाह ने कहा कि किसान दोहरी भूमिका में आएं। वे केवल फसल उत्पादन तक सीमित न रहकर अपनी उपज की प्रोसेसिंग भी करें। प्रोसेसिंग यूनिट के लिये सरकार बड़ा अनुदान देती है। उन्होंने कहा कि केंद्र व राज्य सरकार देश व प्रदेश को आत्मनिर्भर बनाने के लिए संकल्पित है। इसी उद्देश्य से दोनों सरकारों द्वारा किसानों की आमदनी बढ़ाने के लिए विशेष प्रयास किए जा रहे हैं। उद्यानिकी फसलों को बढ़ावा देने के लिए केंद्र सरकार से भरपूर मदद मिल रही है।
केंद्र द्वारा ग्वालियर में राष्ट्रीय बागवानी बोर्ड के क्षेत्रीय कार्यालय की स्थापना के लिए कुशवाह ने केंद्रीय मंत्री तोमर का आभार माना। साथ ही कहा कि किसानों की आमदनी बढ़ाने के लिए प्रदेश में उद्यानिकी फसलों को विशेष बढ़ावा दिया जा रहा है। इसी कड़ी में यह संभागीय प्रशिक्षण कार्यक्रम रखा गया है। कुशवाह ने जैविक खेती अपनाने पर भी विशेष बल दिया।
किसानों को मिलेगी खेतों की तार फैंसिंग की सुविधा
केन्द्रीय कृषि मंत्री नरेन्द्र सिंह तोमर ने जानकारी दी कि पशुओं से उद्यानिकी फसलों को होने वाले नुकसान से बचाने के लिये खेतों की तार फैंसिंग की सुविधा का प्रावधान भारत सरकार के कृषि विभाग की योजना में कर दिया गया है। उन्होंने बताया कि मप्र के उद्यानिकी मंत्री कुशवाह के सुझाव पर भारत सरकार किसानों के लिए यह राष्ट्रव्यापी सुविधा देने जा रही है।
बजट के लिए किसानों से लिए गए सुझाव
उद्यानिकी मंत्री कुशवाह ने कहा, मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की मंशा है कि किसानों के सुझावों के आधार पर प्रदेश के बजट में कृषि योजनाओं के लिये प्रावधान हों। उन्होंने प्रशिक्षण कार्यक्रम में मौजूद किसानों से बजट के लिये सुझाव लिए। किसानों ने खासतौर पर उद्यानिकी फसलों की एमएसपी (न्यूनतम समर्थन मूल्य) निर्धारित करने, आलू एवं अन्य उद्यानिकी फसलों के बीज पर अनुदान, उद्यानिकी फसलों के लिये विशेष प्रशिक्षण, पशुधन नस्ल सुधार इत्यादि के लिये बजट प्रावधान करने के सुझाव दिए।
मंत्री कुशवाह द्वारा उद्यानिकी विभाग की योजनाओं के तहत ग्वालियर जिले के किसानों को 200 वर्मीवेड, 138 स्प्रे पम्प, सब्जी बीज की 128 किट और 571 किसानों को मसाला बीज की किट इस अवसर पर वितरित की गई। उन्होंने प्रतीक स्वरूप कुछ किसानों को यह कृषि उपकरण व सहायता सौंपी।