नईदिल्ली : अगर आप पेंशनधारी हैं, तो आपके लिए एक अच्छी खबर है और वह यह कि अब आपके बैंक के पेंशन पासबुक में पीपीओ (पेंशन पेमेंट ऑर्डर) नंबर दर्ज किया जाएगा. पासबुक में पीपीओ नंबर दर्ज हो जाने के बाद देश के करोड़ों पेंशनर्स को फायदा होगा. फेडरेशन ऑफ कोल इंडस्ट्री रिटायर्ड एम्प्लाइज एसोसिएशन (एफसीआईआरईए) के समन्वयक बिमान मित्रा के अनुसार, लंबे संघर्ष के बाद पेंशनर्स के बैंक पासबुक में पीपीओ नंबर दर्ज करने का ऑर्डर जारी किया गया है. हालांकि, उनकी शिकायत यह भी है देश के ज्यादातर पेंशनर्स को इस बात की जानकारी ही नहीं है कि उनके पासबुक में पीपीओ नंबर दर्ज है या नहीं.
फेडरेशन ऑफ कोल इंडस्ट्री रिटायर्ड एम्प्लाइज एसोसिएशन (एफसीआईआरईए) के समन्वयक बिमान मित्रा ने बताया कि यह एक राष्ट्रीय मुद्दा है. इसमें केंद्र सरकार, राज्य सरकार और अन्य सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रम के करीब पांच करोड़ पेंशनर्स का पीपीओ (पेंशन पेमेंट ऑर्डर) नंबर उनके बैंक खाते में रिकॉर्ड होना चाहिए, जो किसी भी पेंशनर के बैंक खाते में दर्ज नहीं था. उन्होंने कहा कि केंद्रीय वित्त मंत्रालय की ओर से भी सभी बैंकों को पेंशनर्स के बैंक खाते में पीपीओ रिकॉर्ड करने का तीन ऑर्डर जारी किया गया था. इसके बावजूद देश के किसी भी बैंक ने इस पर ध्यान नहीं दिया. यहां तक कि देश में पढ़े-लिखे पेंशनर्स और आईएएस-आईपीएस अधिकारी के पद से रिटायर पेंशनर्स ने भी इस पर ध्यान नहीं दिया कि उनके बैंक खाते में पीपीओ नंबर दर्ज नहीं किया जा रहा है. 2021 में जब मेरी नजर में आया कि पेंशनर्स के पासबुक खाते में पीपीओ नंबर नहीं डाला जा रहा है, तो मैंने इस मुद्दे को उठाया.
एफसीआईआरईए के समन्वयक बिमान मित्रा ने कहा कि हमने 29 जुलाई 22 को सीएमपीएफ आयुक्त के साथ बैठक की, उसके बाद लंबे समय से लंबित मुद्दों पर विचार करने के लिए हमने कोयला सचिवालय के समक्ष प्रतिनिधित्व किया. इसके बाद मैंने धनबाद के नोडल बैंकों और वित्त मंत्रालय से भी बात की. उन्होंने कहा कि मैं धनबाद में एसबीआई के जिन बैंक ऑफिसर से बात कर रहा था, उनके पिता भी पेंशनर्स थे और उनके पासबुक में भी पीपीओ नंबर दर्ज नहीं किया जा रहा था. इसकी भनक लगते ही मुझे उन्होंने सलाह दी कि आप सीधा एसबीआई चेयरमैन से बात कीजिए. फिर मैं अपने स्तर पर देखता हूं कि इस मामले में क्या किया जा सकता है. उन्होंने कहा कि सात दिसंबर 2022 को मैंने एसबीआई चेयरमैन से बात की. उन्होंने मेरी सारी बात सुनी और 21 दिसंबर को उन्होंने पेंशनर्स के पासबुक में पीपीओ नंबर दर्ज करने के लिए ऑर्डर जारी कर दिया और उसकी एक कॉपी उन्होंने मेरे पास भेज दिया.
बिमान मित्रा ने कहा कि कोल एम्प्लॉइज फोरम ने पेंशनर्स के बैंक पासबुक में पीपीओ नंबर की दर्ज कराने के अलावा जिन मुद्दों के लिए संघर्ष कर रहा है, उनमें 1 फरवरी 23 से सीएमपीएफ पोर्टल का एक्टिवेशन शुरू करना, 22 नवंबर से पहले सेवानिवृत्त हुए 5,70,000 कोयला पेंशनरों तक पहुंच बनाने के लिए संशोधित पीपीओ को 31 मार्च 23 के भीतर अपलोड करना, बीओटी के निर्णय और एसबीआई तथा सीएमपीएफओ के बीच हुए समझौते के अनुसार बैंक से जीवनसाथी द्वारा पेंशन का दावा प्राप्त करना शुरू करना और 1000 रुपये से कम मासिक पेंशन पाने वाले 1,26,000 कोयला पेंशनरों के लिए न्यूनतम पेंशन की स्वीकृति शामिल है.
रिटायर कर्मचारियों के लिए हर साल ईपीएफओ की तरफ से उसके लिए पीपीओ (पेंशन पेमेंट ऑर्डर) नंबर जारी किया जाता है. पीपीओ नंबर 12 अंकों का होता है. पेंशन के लिए आवेदन करते समय और हर साल अपना जीवन प्रमाण पत्र जमा करते समय पीपीओ नंबर की आवश्यकता होती है. बिना पीपीओ नंबर के पेंशन को निकाल पाना भी मुश्किल होता है.
अगर आप पीएफ खाते को एक बैंक से दूसरे बैंक में ट्रांसफर कराना चाहते हैं, तो आपको इसके लिए पीपीओ नंबर की जरूरत पड़ती है. ऐसे में कोशिश करें कि आपकी पासबुक में पेंशन पेमेंट ऑर्डर नंबर दर्ज हो. पासबुक में ये नंबर दर्ज न होने पर परेशानी हो सकती है. इसके अलावा अगर आप पेंशन से जुड़ी कोई शिकायत करना चाहते हैं, तो पीपीओ नंबर देना जरूरी होता है. वहीं, ऑनलाइन पेंशन को ट्रैक करने यानी ऑनलाइन पेंशन स्टेटस जानने के लिए भी पीपीओ नंबर की जरूरत होती है.