कॉमनवेल्थ गेम्स की शुरुआत ऑस्ट्रेलिया के गोल्ड कोस्ट में 4 अप्रैल को होगी, लेकिन इससे पहले भारतीय दल की मुश्किलें बढ़ती जा रही हैं। रिपोर्ट्स मिली है कि डोपिंग के शक के चलते भारतीय दल की टेस्टिंग की गई है।
इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक शनिवार को ऑस्ट्रेलिया के डोपिंग विरोधी अधिकारियों ने भारतीय टीम के कमरे के बाहर कूड़ेदान से सिरिंज बरामद की थी। यह सिरिंज जहां से मिली, वहां भारतीय दल के चार मुक्केबाज रह रहे हैं। इसके बाद खिलाड़ियों का डोप टेस्ट किया गया।
रिपोर्ट में दावा किया गया है कि डोपिंग विरोधी अधिकारियों को साफ-सफाई करने वाले कर्मचारियों से सिरिंज के बारे में पता चला। इसके बाद ऑस्ट्रेलियन एंटी डोपिंग एजेंसी (ASADA) और स्थानीय पुलिस ने चार मुक्केबाजों द्वारा शेयर किए जा रहे रूम पर छापा मारा। इस कमरे में सिरिंज मिली, जो एक प्लास्टिक की बॉटल के अंदर तोड़-मरोड़कर डाली गई थी।
गोल्ड कोस्ट में मौजूद सूत्रों से जानकारी मिली है कि मुक्केबाजों ने शुरुआत में इन आरोपों को खारिज किया, लेकिन टीम डॉक्टर ने फिर सिरिंज के इस्तेमाल की बात स्वीकार की। उन्होंने हालांकि जोर देकर कहा कि इसका गलत उपयोग नहीं किया गया है।
भारतीय अधिकारीयों का हुआ कुछ ऐसा हाल
पीटीआई के मुताबिक, गोल्ड कोस्ट में टीम के साथ मौजूद एक अधिकारी ने दावा किया, ‘सिरिंज भारतीय खिलाड़ियों की नहीं है। कंपाउंड में कई देशों के खिलाड़ी भी रुके हैं। सिरिंज भी भारतीय खिलाड़ियों के कमरे से नहीं बरामद हुई। भारतीय डॉक्टर ने ही यह सिरिंज अधिकारियों को सौंपी थी। यह गलत है कि हम पर शक किया जा रहा है।’
खेलों की आयोजन समिति ने अब एक जांच बैठा दी है। इसके बाद सभी 12 बॉक्सर, ,जिनमें 8 पुरूष और चार महिलाएं शामिल हैं, का डोप टेस्ट किया गया। सिरिंज की भी जांच की जा रही है। अगर बॉक्सर दोषी पाए जाते हैं तो उन्हें कड़ी सजा भुगतनी होगी। टेस्ट का रिजल्ट ओपनिंग सेरेमनी मतलब 4 अप्रैल से पहले आ जाएगा।
इस घटना के बाद भारतीय एथलीटों पर कुछ रोक भी लगाई गई हैं। रात 10 बजे के बाद कोई एथलीट खेल गांव से बाहर निकल सकेगा। गोल्ड कोस्ट में मौजूद भारतीय अधिकारी इस मामले में कुछ भी बोलने से परहेज कर रहे हैं।
कॉमनवेल्थ गेम्स फेडरेशन के प्रवक्ता बेन निकोलस ने भी घटना की पुष्टि की है। मगर उन्होंने खिलाड़ियों की राष्ट्रीयता की घोषणा करने से फिलहाल इंकार कर दिया है। पता हो कि CWG में खिलाड़ियों की सिरिंज रखने पर प्रतिबंध है। अगर किसी को इमरजेंसी के लिए रखनी भी होती है तो उसे परमीशन लेने के बाद इंजेक्शन डिक्लेरेशन फॉर्म भरना होता है।