गुरू पूर्णिमा पर प्रदेश में होंगे नृत्य, संगीत, व्याख्यान और डिमांस्ट्रेशन
भोपाल : भारतीय संस्कृति और परंपरा में गुरू को भगवान से ऊँचा स्थान दिया गया है। गुरू की महिमा के प्रति आदर प्रकट करने की विनम्र सांस्कृतिक पहल करते हुए संस्कृति विभाग 13 जुलाई को “गुरू पूर्णिमा पर्व” मनाएगा। संचालक संस्कृति अदिति कुमार त्रिपाठी ने बताया कि भोपाल सहित प्रदेश के अलग-अलग शहरों में 12 शासकीय ललित कला एवं संगीत महाविद्यालयों में गुरू पूर्णिमा पर्व मनाया जायेगा। इसमें देश और प्रदेश के संगीत, नृत्य कलाकारों की प्रस्तुतियों के अलावा विशेषज्ञों के व्याख्यान और डिमांस्ट्रेशन भी होंगे। सभी प्रस्तुति और व्याख्यान के केंद्र में गुरू की महिमा और गुरू-शिष्य परंपरा होगी। गुरू ही है, जो शिक्षा और ज्ञान के प्रकाश से शिष्य के जीवन को रोशन करता है। गुरू ही अपने शिष्य को व्यक्ति से व्यक्तित्व बनने का मार्ग दिखलाता है।
भोपाल में गुरू पूर्णिमा पर्व पर जनजातीय संग्रहालय के सभागार में शाम 7 बजे से 2 सांस्कृतिक सभाएँ सजेगी। सबसे पहले जबलपुर की सुशालिनी दुबे और साथियों की कथक प्रस्तुति होगी। इसके बाद दिल्ली की सुप्रसिद्ध गायिका शाश्वती मंडल की गायन सभा होगी। दोनों ही कलाकारों की प्रस्तुतियों के केंद्र में गुरू-शिष्य परंपरा होगी। कला-प्रेमियों का इस कार्यक्रम में प्रवेश नि:शुल्क होगा।
गुरू पूर्णिमा पर्व में प्रदेश के 12 अलग-अलग शहरों में गुरू-शिष्य परंपरा पर केन्द्रित संगीत, नृत्य कलाकारों की प्रस्तुतियों के अलावा विशेषज्ञों के व्याख्यान और डिमांस्ट्रेशन होंगे। शासकीय संगीत महाविद्यालय ग्वालियर में भोपाल के प्रदीप कृष्णन की कथक प्रस्तुति, भोपाल के सलीम अल्लावाले का गायन और भोपाल के आबिद हुसैन का सारंगी वादन होगा। शासकीय संगीत महाविद्यालय मंदसौर में जबलपुर के अनिल कुमार दांडोतिया का गायन और भोपाल के सत्येन्द्र सिंह सोलंकी का संतूर वादन होगा। शासकीय संगीत महाविद्यालय इंदौर में दिल्ली की सुसुनंदा शर्मा का गायन और भोपाल के महेश-अमित मलिक की वायलिन जुगलबंदी होगी। शासकीय संगीत महाविद्यालय धार में भोपाल की सुजयसवागुंजी का गायन और हैदराबाद की सुमंगला भट्ट एवं राघव राज भट्ट का कथक समूह नृत्य होगा। शासकीय ललित महाविद्यालय ग्वालियर में दिल्ली की सुशशिप्रभा तिवारी का व्याख्यान और डिमांस्ट्रेशन, शासकीय ललित कला महाविद्यालय जबलपुर में पुणे के रामचंद्र खरतमल, शासकीय ललित कला महाविद्यालय धार में इंदौर के मोहन विश्वकर्मा और शासकीय ललित कला महाविद्यालय इंदौर में ग्वालियर के आलोक शर्मा का व्याख्यान एवं डिमांस्ट्रेशन होगा।
इसी क्रम में 15 जुलाई को शासकीय संगीत महाविद्यालय नरसिंहगढ़ में उज्जैन के सुधाकर देवले और भोपाल के राजीव सिंह का गायन होगा। शासकीय संगीत महाविद्यालय खण्डवा में टीकमगढ़ के पवन तिवारी का गायन और भोपाल की सुकल्याणी-वैदेही फगरे की ओडिसी नृत्य प्रस्तुति होगी। शासकीय संगीत महाविद्यालय मैहर में गाजियाबाद की सुरूपारानी दास का कथक नृत्य और बैंगलुरू की सुदुर्गा शर्मा का वायलिन वादन होगा। शासकीय ललित कला महाविद्यालय खण्डवा में भिलाई की सुविजया त्रिपाठी का व्याख्यान एवं डिमांस्ट्रेशन होगा।