नई दिल्ली: आयरन एंड ओर यानी लौह अयस्क किसी देश की अर्थव्यवस्था के विकास के प्रमुख आधार स्तंभों में से एक होता है जिसके उत्पादन में लगातार वृद्धि देश के अर्थतंत्र की गति को दर्शाता है। 3 साल से कोविड महामारी के नकारात्मक प्रभावों के बीच देश में लौह अयस्क के उत्पादन में निरंतर वृद्धि देखी गई है। अपनी विकास यात्रा जारी रखते हुए राष्ट्रीय खनिज विकास निगम (NMDC)ने वित्त वर्ष 2023 के दूसरे महीने में लौह अयस्क का 3.2 मिलियन टन का उत्पादन किया और 2.65 मिलियन टन बिक्री की।
मई 2022 में लौह अयस्क का उत्पादन मई 2021 में उत्पादित 2.8 मिलियन टन की तुलना में 14.3% अधिक था। मई 2022 तक एनएमडीसी का संचयी उत्पादन 6.35 मिलियन टन रहा, जो मई 2021 में 5.91 मिलियन टन संचयी उत्पादन पर 7.4% की वृद्धि है। भारत के सबसे बड़े लौह अयस्क उत्पादक एनएमडीसी ने वित्त वर्ष 2023 में मई 2022 तक 5.77 मिलियन टन की बिक्री की। गौरतलब है कि एनएमडीसी भारत सरकार का एक राज्य-नियंत्रित खनिज उत्पादक है।
एनएमडीसी के सीएमडी श्री सुमित देब ने अपनी टीम को इस प्रदर्शन के लिए बधाई देते हुए कहा, “उत्पादन में हमारी निरंतर वृद्धि ने एनएमडीसी को न केवल भारत में सबसे तेजी से बढ़ती लौह अयस्क खनन कंपनी बना दिया है, बल्कि घरेलू इस्पात क्षेत्र के लिए सर्वाधिक सुस्थिर आपूर्तिकर्ता भी बना दिया है। हमने अपने व्यवसाय में नए युग की प्रौद्योगिकी और डिजिटल हस्तक्षेप को बडे पैमाने पर अपनाकर अपने आधार को मजबूत किया है।“