DDCA : ‘आप’ ने दिखाई अरुण जेटली की दो चिट्ठियां, फ्रॉड केस को बंद करने का जिक्र
नई दिल्ली: ‘आप’ नेता आशुतोष ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस करके डीडीसीए में वित्तमंत्री अरुण जेटली की भूमिका पर सवाल उठाए। उन्होंने कहा कि डीडीसीए मामले पर जेटली जांच का स्वागत क्यों नहीं कर रहे।
अरुण जेटली को डीडीसीए के हर काम की जानकारी थी
आशुतोष ने आरोप लगाया कि अरुण जेटली को DDCA के हर काम की जानकारी थी। बिना उनकी मर्जी के वहां कुछ नहीं होता था। वह करप्शन के कवर-अप में भी जुटे हुए थे। उन्होंने 27 अक्टूबर 2011 की एक चिट्ठी दिखाई, जिसमें जेटली ने फ्रॉड के एक केस को बंद करने की बात कही गई थी। यह चिट्ठी अन्ना के आंदोलन के वक्त लिखी गई थी।
फ्रॉड केस को बंद करने को कहा
उन्होंने 5 मई 2012 को एक दूसरी चिट्ठी लिखी गई। उसमें भी पुलिस कमिश्नर से उन्होंने जांच बंद करने के लिए कहा। उनका कहना था कि इसे बंद कीजिए क्योंकि डीडीसीए कोई गलत काम नहीं करता। अरुण जेटली कहते रहे हैं कि डीडीसीए में मेरा रोजमर्रा के कामों से कोई लेना-देना नहीं था। इन चिट्ठियों से साबित होता है कि वह अपने पद का दुरुपयोग कर रहे थे और जांच को प्रभावित करने की कोशिश कर रहे थे।
आशुतोष ने कहा कि इसलिए अरुण जेटली को पद का दुरुपयोग करने, जांच में व्यवधान पैदा करने और फ्रॉड करने वालों को बचाने के चलते अपने पद पर रहने का कोई हक नहीं है।
जेटली से ‘आप’ के 5 सवाल
1 क्या यह सही नहीं है कि आपने दिल्ली पुलिस पर दबाव बनाने के लिए राज्यसभा के विपक्ष के नेता के पद का दुरुपयोग किया?
2. क्या आप इस बात से इनकार कर सकते हैं कि आपने जो किया वो पुलिस की जांच में बाधा डालना है?
3. आप किस आधार पर इस नतीजे पर पहुंचे कि सिंडिकेट बैंक से जुड़ी शिकायतों का कोई आधार नहीं था?
4. क्या आपके लिए पद पर बने रहना उचित होगा, ख़ासकर जब दिल्ली पुलिस सीधे केंद्र सरकार को रिपोर्ट करती है?
5. जांच को भटकाने की कोशिश में आपका क्या हित है और अगले AGM में क्या आपने इसकी जानकारी दी थी?