नई दिल्ली : पंजाब के बाद अब जम्मू-कश्मीर नशे की जद में है। घाटी में नशे से छुटकारा दिलाने के लिए प्रदेश प्रशासन के साथ अब केंद्र सरकार भी गंभीर है। प्रदेश को नशामुक्त करने के लिए उपराज्यपाल प्रशासन ने कमर कस ली है। हाल ही में स्वास्थ्य विभाग ने एक बड़ा कदम उठाते हुए फैसला लिया है कि जम्मू.कश्मीर के सभी 20 जिलों मे नशामुक्ति ओपीडी खोला जाएगा। इससे मरीजों को लाभ मिल सके और लोग इस बीमारी की जद से बाहर निकल सकें।
एक रिपोर्ट के अनुसार, जिन अस्पतालों मे मनोरोग विशेषझ नहीं है, अब वहां पर तैनात अन्य डाक्टरों को ट्रेनिंग दी जा रही है। जिससे नशे की गिरफ्त में आ चुके लोगों का सही तरीके से इलाज हो सकें। आज से जम्मू के मनोरोग अस्पताल मे इन डॉक्टरों को ट्रेनिंग दी जा रही है। आने वाले दिनों में लोग अपने जिले के अस्पताल में इलाज करवा सकेंगे।
जम्मू-कश्मीर के उप राज्यपाल मनोज सिन्हा बताया कि सभी जिलों मे नशामुक्ति केन्द्र खोलने की प्रक्रिया शुरू हो गई है। बहुत जल्द जम्मू कश्मीर नशे से मुक्ति पा ले। इसके लिए पंजीकरण भी शुरु हो गया है। पहले चरण में 5500 लोगों ने अपना पंजीकरण करवा लिया है। ये पंजीकरण 12 जिलों में 12 सितंबर तक हो चुका है। सबसे अधिक 1264 पंजीकरण कश्मीर के शेर ए कश्मीर इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज में हुआ है।