पुणे : पुणे पुलिस ने एक चौंकाने वाले खुलासे में कहा कि पिछले एक हफ्ते में भीमा नदी से निकाले गए सात शव ‘सामूहिक हत्या’ के जघन्य मामले के शिकार हो सकते हैं। इस मामले में बुधवार को चार लोगों को गिरफ्तार किया गया है। शुरुआती जांच के अनुसार, हत्याओं के पीछे का कारण एक वरिष्ठ नागरिक दंपति, उनकी बेटी, दामाद और तीन पोते-पोतियों को कुछ अंधविश्वासों से उत्पन्न पारिवारिक कलह माना जा रहा है।
पुणे पुलिस ने 18 से 23 जनवरी के दौरान छह दिनों तक भीमा नदी के यवत गांव के आसपास के विभिन्न स्थानों से शवों को बरामद किया। वो बीड के मजदूर हो सकते हैं जो अहमदनगर जिले से सटे परनेर के एक गांव में बस गए थे। मृतकों में मोहन उत्तम पवार, उनकी पत्नी संगीता पवार, बेटी रानी श्याम फुलवारे, उनके पति श्याम फुलवारे और उनके तीन बच्चे शामिल हैं।
18 जनवरी को स्थानीय लोगों द्वारा पहले एक महिला का शव देखा गया था। मोटरबोट और गोताखोरों के साथ नदी में कई सौ मीटर की खोज के बाद, शेष शवों को अगले छह दिनों में बाहर लाया गया।
भले ही इस घटना ने तीन जिलों के लोगों को झकझोर कर रख दिया, पुणे पुलिस ने कई जांच टीमों का गठन कर कार्रवाई की और चार संदिग्धों को गिरफ्तार कर मामले को सुलझाने में कामयाब रही।