लाड़ली बहनों को मिलेगा 450 रुपए में गैस सिलेंडर : मुख्यमंत्री चौहान
भोपाल : मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि लाड़ली बहनों को गैस सिलेंडर 450 रुपए में मिलेगा। सावन के माह में अर्थात 4 जुलाई से लेकर 31 अगस्त तक गैस सिलेंडर रिफिल कराने वाली लाड़ली बहनों को भी अनुदान राशि का अंतरण उनके बैंक खातों में किया जाएगा। मुख्यमंत्री चौहान ने अपने संदेश में कहा कि इस योजना का लाभ लेने के लिए लाड़ली बहनों को पंजीयन कराना होगा। पंजीयन मुख्यमंत्री लाड़ली बहना योजना पोर्टल पर होगा। मुख्यमंत्री चौहान टीकमगढ़ से 15 सितम्बर को पंजीयन की शुरूआत करेंगे।
मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि ऐसी बहनों का पंजीयन किया जाएगा जो पूर्व से गैस कनेक्शन धारी हों और यह बहनें उज्जवला योजना की लाभार्थी भी हो सकती हैं। पंजीयन के लिए केवल दो जानकारी या दस्तावेज (अ) एलपीजी कनेक्शन आईडी (ब) समग्र आईडी की आवश्यकता होगी। घरेलू गैस संबंधी पंजीयन उन सभी केंद्रों पर किया जाएगा जहां मुख्यमंत्री लाड़ली बहना योजना का पंजीयन होता है। शासन भी सभी आइल कम्पनी से बहनों के गैस कनेक्शन संबंधी जानकारी प्राप्त कर रहा है तथा उसे पोर्टल पर 25 सितम्बर को प्रदर्शित किया जाएगा। इससे बहनों को अपनी जानकारी देखने में सुविधा होगी। बहनों की समस्याओं के निराकरण के लिए शिकायत निवारण एप्लीकेशन भी तैयार की जा रही है।
मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि पात्रता धारी लाड़ली बहनों को गैस रिफिल आइल कम्पनी की विक्रय दर पर ही खरीदना होगा। लाड़ली बहनो को यह गैस रिफिल 450 रुपए में पड़े इसके लिए अंतर की राशि में से केंद्र सरकार के अनुदान को कम करते हुए शेष राशि, अनुदान के रूप में उनके बैक खाते में रिफंड की जाएगी। गैस सिलेंडर पर यह अनुदान, लाड़ली बहनों को हर महीने एक गैस रिफिल पर मिलेगा। प्रधानमंत्री उज्जवला योजना की लाभार्थी लाड़ली बहनों के खाते में अनुदान राशि आइल कम्पनी द्वारा डाली जाएगी और यह अनुदान राशि राज्य सरकार द्वारा आइल कम्पनी को दी जाएगी।
मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि ऐसी लाड़ली बहनें जो उज्जवला योजना की लाभार्थी नहीं हैं उनके बैक खाते में अनुदान राशि सीधे राज्य सरकार डालेगी। सावन के माह में अर्थात 4 जुलाई से लेकर 31 अगस्त तक गैस सिलेंडर रिफिल कराने वाली लाड़ली बहनों को भी अनुदान राशि का अंतरण उनके बैंक खातों में इसी प्रक्रिया से होगा। यदि भविष्य में कभी गैस रिफिल करने की दरें बदलती हैं तो उसके अंतर की राशि की पूर्ति राज्य सरकार करेगी।