वायनाड : केरल के वायनाड में हुए भूस्खलन के बाद राहत और बचाव कार्यों का आज पांचवां दिन है। अब तक मृतकों का आंकड़ा 308 हो चुका है। अभी भी शवों की तलाश जारी है। भारतीय सेना के लेफ्टिनेंट कर्नल विकास राणा ने बताया कि आज भी कल की ही तरह विभिन्न जोन्स के लिए अलग-अलग टीमें बनाई जाएंगी। टीमों के साथ वैज्ञानिक और स्निफर डॉग्स भी मौजूद रहेंगे। सेना के अधिकारी ने बताया कि स्थानीय लोग भी राहत और बचाव कार्य में मदद कर रहे हैं।
केरल सरकार की अपील पर सेना की नॉर्दर्न कमांड से एक जावेर रडार और तिरंगा माउंटेन रेस्क्यू ऑर्गेनाइजेशन से चार रेकी रडार और इनके ऑपरेटर्स आज दिल्ली से वायनाड के लिए रवाना होंगे। इनका इस्तेमाल राहत और बचाव कार्यों में किया जाएगा।
वायनाड में भूस्खलन प्रभावित जगह पर मशहूर अभिनेता मोहनलाल भी पहुंचे। मोहनलाल भारतीय सेना की टेरिटोरियल आर्मी में मानद लेफ्टिनेंट कर्नल हैं। ऐसे में भूस्खलन वाली जगह पर मोहनलाल सेना की वर्दी में पहुंचे और वहां सेना के अधिकारियों और जवानों से मुलाकात की और उनके द्वारा किए जा रहे कामों की तारीफ की। साथ ही मोहनलाल ने राहत और बचाव कार्यों का जायजा लिया।
सेना पुंचिरिमत्तम इलाके में एक अस्थायी पुल का निर्माण कर रही है ताकि उससे मशीनों को गुजारकर भूस्खलन प्रभावित इलाकों में ले जाया जा सके और वहां तलाशी अभियान चलाया जा सके। वायुसेना द्वारा प्रभावित इलाकों हवाई सर्वे किया जा रहा है।
चूरालमाला इलाके में राहत और बचाव कार्य अभी भी जारी है। स्निफर डॉग्स की मदद से शवों की तलाश की जा रही है। भारतीय सेना के जवान खोज और बचाव अभियान को सुविधाजनक बनाने के लिए पंचिरिमट्टम इलाके में मशीनरी को गुजारने के लिए एक अस्थायी पुल का निर्माण कर रहे हैं।
वायनाड भूस्खलन के बाद एक परिवार के चार सदस्य सुरक्षित बचाए गए हैं। भूस्खलन में इनका घर बच गया था, लेकिन बाकी इलाके से इनका संपर्क टूट गया था, जिसकी वजह से वह अपने घर में ही फंसकर रह गए थे। बचाए गए लोगों की पहचान जॉन के जे, जोमोल जॉन, क्रिस्टीन जॉन और अब्राहम जॉन के रूप में हुई है।
वायनाड भूस्खलन में एक 40 दिन की बच्ची और उसके छह साल के भाई को बचाव दल को सकुशल बचा लिया गया। केरल के वायनाड में हुए भूस्खलन में एक परिवार के छह सदस्य बाढ़ में बह गए। उनका घर भी नष्ट हो गया। जबकि परिवार की 40 दिन की बच्ची अनारा और उसका छह साल का भाई मोहम्मद हयान सकुशल बच गए। बचाव दल के मुताबिक अनारा और हयान को बचाने के लिए उसकी मां तनजीरा एक घर की छत पर चिपकी रही। इस दौरान पानी के तेज बहाव में हयान अचानक बह गया। छह साल का हयान 100 मीटर दूर जाकर कुएं के पास से गुजर रहे तार के सहारे लटका रहा। बचाव दल ने उसे बचाया।