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भोपाल गैस त्रासदी : दोषियों की सजा पर 24 अप्रैल के बाद फैसले की उम्मीद

भोपाल: मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में 38 साल पहले हुई भीषण गैस त्रासदी के दोषियों को अदालत से मिली सजा पर सेशन कोर्ट में 24 अप्रैल को अंतिम सुनवाई हो सकती है। सात आरोपियों को सीजेएम कोर्ट से सजा सुनाए जाने के 12 साल के दौरान सेशन कोर्ट में 150 से ज्यादा पेशी की तारीखें लग चुकी हैं जिसमें अभी दोषियों ने सुनवाई कर रही कोर्ट पर अविश्वास जताते हुए सुप्रीम कोर्ट से केस अन्य कोर्ट में स्थानांतरित करने का आग्रह किया है। भोपाल गैस त्रासदी के मामले में 12 साल पहले सीजेएम कोर्ट से हुए फैसले पर अपील की सुनवाई जिला एवं सत्र न्यायालय की न्यायाधीश गिरिबाला सिंह की कोर्ट में चल रही है।

जिला एवं सत्र न्यायालय में यह मामला 27 जुलाई 2010 से विचाराधीन है। इसमें सीजेएम कोर्ट से दोषी पाए गए यूनियन कार्बाइड के तत्कालीन अधिकारी चेयरमेन केशुब महिंद्रा, वाइस प्रेसिडेंट किशोर कामदार, एमडी विजय प्रभाकर गोखले, वर्क्स मैनेजर जे मुकुंद, प्रोडक्शन मैनेजर एसपी चौधरी, प्लांट सुपरिटेंडेंट केवी शेट्टी व प्रोडक्शन असिस्टेंट एसआई कुरैशी की अपील पर सुनवाई चल रही है। सीजेएम कोर्ट के फैसले में सुनाई गई सजा का भोपाल गैस पीड़ितों के हितों की लड़ाई लडने वाले संगठनों ने विरोध किया था और सजा को कम बताया था तो दोषियों ने उन्हें बरी करने के लिए फिर अदालत का दरवाजा खटखटाया।

150 से ज्यादा बार तारीखें
जिला और सत्र न्यायालय में चल रहे इस मामले में करीब बारह साल में पेशी के लिए 150 से ज्यादा तारीखें लग चुकी हैं। इसमें 2011 में तो एक भी पेशी नहीं हुई थी और सबसे ज्यादा पेशी की तारीख 2017 में दे गईं। 2017 में 23 पेशी दी गईं। कोविड की वजह से 2019 से 2022 की वजह से कोर्ट में सुनवाई प्रभावित हुई लेकिन इसके बाद भी इस अवधि में पेशी के लिए 50 तारीखें दी गईं।

सुप्रीम कोर्ट में पहुंचे हैं दोषी
दोषियों की ओर से पैरवी कर रहे वकील अजय गुप्ता ने बताया कि जिस सेशन कोर्ट में भोपाल गैस त्रासदी के दोषियों की अपील याचिका पर सुनवाई चल रही है, उसके खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में आवेदन लगाया गया है। सुप्रीम कोर्ट से आग्रह किया है कि किसी दूसरे कोर्ट में प्रकरण स्थानांतरित कर दिया जाए। इसके पीछे दोषियों ने सुप्रीमकोर्ट में तर्क दिया है कि सेशन कोर्ट की न्यायाधीश गिरिबाला सिंह गैस कमिश्नर रह चुकी हैं जिससे इस संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता कि वे भोपाल गैस पीड़ितों से प्रभावित नहीं हो सकती हैं। उनकी याचिका पर सुप्रीमकोर्ट से अभी कोई आदेश जारी नहीं हुआ है। गुप्ता ने कहा कि अब सेशन कोर्ट ने सुनवाई के लिए 24 अप्रैल को सुनवाई दी है।

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