रायपुर : जैन धर्म में 24 तीर्थंकर परमात्मा हुए हैं , 24 में से 20 तीर्थंकर परमात्मा का निर्वाण कल्याणक पारसनाथ पहाड़ी पर हुआ है , जिसे समवेत शिखर तीर्थ के रूप में पवित्र भूमि स्वरूप पूजा जाता है। जैन संवेदना ट्रस्ट के महेन्द्र कोचर व विजय चोपड़ा ने कहा कि समवेत शिखर का कण कण जैन धर्म में भगवान स्वरूप पूज्यनीय है। यह पहाड़ी रियासतों के समय से जैन समाज के पास है। आजादी के पूर्व पाल गंज के महाराजा ने मूल्य लेकर 49 . 33 किलोमीटर क्षेत्र के पारसनाथ पर्वतमाला को जैन समाज को हस्तांतरित किया था। स्वतंत्रता के बाद समय समय पर नियमों में परिवर्तन होते रहे। मुख्य रूप से 1983 में वन आरण्य क्षेत्र घोषित किया गया। वर्ष 2016 में केन्द्र सरकार ने राज्य सरकार की अनुशंसा में इसे पर्यटन क्षेत्र घोषित कर दिया। तथा 2019 में इसे केन्द्र सरकार द्वारा इको सेंसेटिव जोन घोषित किया गया है। यह पारस नाथ पहाड़ी जैन धर्म की आस्था स्थली है जैन धर्म का मूलमंत्र अहिंसा परमो धर्म है। जैन अनुयायी शुद्ध शाकाहारी होते हैं। इसे सामान्य पर्यटन स्थल बनाने से जनसामान्य का आवागमन बढने लगा है, जिससे हिंसा शराब , मांसाहार की प्रवृत्ति होने लगी है।
जैन संवेदना ट्रस्ट ने प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी व केंद्रीय वन मंत्री श्री भूपेन्द्र यादव को पत्र लिखकर मांग की है कि समवेत शिखर पारस नाथ पहाड़ी क्षेत्र संबंधित केंद्रीय वन मंत्रालय द्वारा जारी अधिसूचना क्रमांक 2795 ( ई ) दिनांक 02 अगस्त 2019 को अविलम्ब रद्द किया जावे। पारसनाथ पर्वतराज व मधुबन को मांस मदिरा बिक्री मुक्त पवित्र जैन तीर्थस्थल घोषित किया जावे। जैन संवेदना ट्रस्ट के महेन्द्र कोचर व विजय चोपड़ा ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी द्वारा हिन्दू धर्म व सम्पूर्ण विश्व की आस्थास्थली काशी विश्वनाथ व उज्जैन में महाकाल का जीर्णोद्धार व नवनिर्माण भव्यता के साथ किया गया महान कार्य है उसी प्रकार से जैन धर्म के 24 तीर्थंकर परमात्मा की कल्याणक स्थलों को भी संरक्षण प्रदान किया जाना चाहिए। उनमें समवेत शिखर में सर्वाधिक 20 तीर्थंकर परमात्मा को निर्वाण प्राप्त हुआ है। इसे शीघ्र अहिंसा तीर्थ स्थल घोषित किया जाना चाहिए। जैन संवेदना ट्रस्ट के महेन्द्र कोचर व विजय चोपड़ा ने बताया कि अखिल भारतीय जैन समाज केन्द्र सरकार द्वारा समवेत शिखर की अवहेलना से आक्रोशित है , देश के अनेक स्थानों में मांगो को लेकर विरोध प्रदर्शन हुए हैं , छत्तीसगढ़ में भी सकल जैन समाज में समवेत शिखर के प्रति सरकार की अन्याय पूर्ण नीति से भारी नाराजगी है। समवेत शिखर को अहिंसा तीर्थ स्थल बनाए जाने की मांग को लेकर आंदोलन हेतु बैठकों का दौर शुरू हो गया है। जैन संवेदना ट्रस्ट के महेन्द्र कोचर व विजय चोपड़ा ने अखिल भारतीय जैन समाज के सभी नागरिकों से अपील की है कि केन्द्र सरकार जब तक समवेत शिखर को अहिंसा जैन तीर्थ स्थल घोषित नही करती तब तक सभी प्रकार की निर्वाचन प्रक्रिया व मतदान का बहिष्कार कर विरोध प्रकट किया जाना चाहिए।