नई दिल्ली: देश में कोरोना वायरस के नए मामलों में राहत देखने को मिल रहा है। इस बीच भारत जल्दी की टीकाकरण के मामले में 100 करोड़ का जादूई आंकड़ा छूने वाला है। कोरोना संक्रमण पर किए गए एक अध्ययन के मुताबिक देश में महामारी के प्रसार में गिरावट देखी जा रही है। कोरोनो वायरस महामारी की रफ्तार को दिखाने वाला देश का आर-वैल्यू 1 सितंबर के बाद वर्तमान में सबसे कम पर पहुंच गया है। बता दें कि ‘आर-वैल्यू’ यह दर्शाता है कि देश में एक संक्रमित व्यक्ति औसतन कितने लोगों को पॉजिटिव कर रहा है। दूसरे शब्दों में कहें तो ‘आर’ का मान यह बताता है कि वायरल कितनी आसानी से फैल रहा है। 1 से कम R-वैल्यू का मतलब है कि बीमारी धीरे-धीरे फैल रही है। इसके उलट अगर आर की वैल्यू 1 से अधिक है तो इसका अर्थ हुआ कि प्रत्येक दौर में संक्रमित लोगों की संख्या बढ़ रही है। टेक्निकल भाषा में इसे ही इसे ही महामारी का चरण कहा जाता है। आर-वैल्यू 1 से जितना अधिक होगा, आबादी में महामारी फैलने की दर उतनी ही तेज होगी।
राजेश टोपे चेन्नई स्थित गणितीय विज्ञान संस्थान के शोधकर्ताओं द्वारा गणना किए गए आंकड़ों के अनुसार सबसे अधिक सक्रिय मामलों वाले शीर्ष 10 राज्यों का आर-वैल्यू 1 अक्टूबर से 18 अक्टूबर तक नीचे था। हालांकि, कुछ शहरों में सक्रिय मामलों की संख्या लगातार बढ़ रही है। रिसर्च को लीड कर रहीं सीताभरा सिन्हा ने कहा कि हाल ही में संपन्न दुर्गा पूजा के दौरान सामूहिक समारोहों को देखते हुए कोलकाता का आर-वैल्यू 1 से अधिक है। वहीं, बेंगलुरु का भी आर-वैल्यू 1 से अधिक है, यह सितंबर के मध्य से ऐसा ही रहा है, जबकि चेन्नई, पुणे और मुंबई के आर-वैल्यू 1 से ठीक नीचे हैं। 25 सितंबर और 18 अक्टूबर के बीच देश में आर-वैल्यू 0.90 दर्ज की गई, जबकि 30 अगस्त से 3 सितंबर के बीच वैल्यू 1.11 थी।