दिल्ली BJP अध्यक्ष आदेश गुप्ता हिरासत में, केजरीवाल सरकार के खिलाफ कर रहे थे प्रदर्शन
नई दिल्ली: राजधानी दिल्ली में राज्य सरकार के अस्पतालों में बाहरी लोगों के इलाज न करने के केजरीवाल सरकार के फैसले के खिलाफ भाजपा ने मोर्चा खोल दिया है। दिल्ली कैबिनेट के फैसले की जैसे ही सूचना भाजपा को मिली। वैसे ही प्रदेश अध्यक्ष आदेश गुप्ता के नेतृत्व में पार्टी नेता राजघाट पहुंच गए और प्रदर्शन करने लगे। राजघाट पर प्रदर्शन कर रहे दिल्ली प्रदेश भाजपा अध्यक्ष आदेश गुप्ता को पुलिस ने हिरासत में लिया गया है। उनके अलावा भाजपा के अन्य प्रदर्शनकारी नेताओं व कार्यकर्ताओं को भी हिरासत में लिया गया है।
मिली जानकारी के मुताबिक आदेश गुप्ता और अन्य नेताओं को बस में बैठाकर राजेंद्र नगर पुलिस थाने ले जाया गया है।
क्या है पूरा मामला
दरअसल दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने रविवार को बताया कि राजधानी में कोरोना के बढ़ते मामले को देखते हुए राज्य सरकार ने फैसला किया है कि सरकारी अस्पतालों में दिल्ली के लोगों का ही इलाज किया जाएगा। जब तक कोरोना के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं तब तक दिल्ली सरकार के अस्पतालों में बाहरी मरीजों का इलाज नहीं होगा। इसके अलावा प्राइवेट अस्पतालों में भी सिर्फ दिल्ली के लोगों का ही इलाज होगा। विशेष मामले को छोड़कर प्राइवेट अस्पताल बाहरी लोगों का इलाज नहीं कर सकेंगे।
केजरीवाल सरकार के इस फैसले का भाजपा ने कड़ा विरोध किया है। इसी के मद्देनजर आदेश गुप्ता के नेतृत्व में भाजपा नेता राजघाट पर प्रदर्शन करने गए थे।
मनमानी करने वाले अस्पतालों के खिलाफ कार्रवाई करे सरकार : आदेश गुप्ता
इससे पहले भाजपा ने आरोप लगाया कि मरीजों के साथ मनमानी करने वाले अस्पतालों के खिलाफ दिल्ली सरकार कोई कार्रवाई नहीं कर रही है। सरकार सिर्फ बयानबाजी करने में व्यस्त है। प्रदेश भाजपा अध्यक्ष आदेश गुप्ता ने कहा कि सरकार को बयान देने के बजाय अस्पतालों के खिलाफ कार्रवाई करनी चाहिए। उन्होंने दिल्ली सरकार के अस्पतालों में व्यवस्था सुधारने की भी मांग की।
उन्होंने कहा कि दिल्ली सरकार अपनी विफलता छिपाने के लिए कभी केंद्र सरकार पर झूठे आरोप लगाती है, कभी निजी अस्पतालों की आड़ लेती है। स्वास्थ्य सुविधाओं को सुधारने के नाम पर कुछ नहीं किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री केजरीवाल कुछ निजी अस्पतालों को अन्य राजनीतिक पार्टियों के साथ साठगांठ होने की बात कह रहे हैं। इसके विपरीत सच्चाई यह है कि आम आदमी पार्टी (आप) के नेताओं की मिलीभगत से निजी अस्पताल मनमानी कर रहे हैं। यही कारण है कि अस्पतालों के खिलाफ शिकायतें आने के बाद भी केजरीवाल सरकार ने कोई कार्रवाई नहीं की है। उन्होंने कहा कि निजी अस्पताल कोविड-19 के इलाज के नाम पर मरीजों से 5 से 15 लाख रुपये चार्ज कर रहे हैं जिसे रोकने के लिए सरकार कोई कदम नहीं उठा रही है। अस्पतालों में इलाज का खर्च निर्धारित किया जाना चाहिए जिससे कि किसी भी मरीज का आर्थिक शोषण नहीं हो सके।