नई दिल्ली। दिल्ली महिला आयोग की अध्यक्ष स्वाति मालीवाल ने उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को पत्र लिखकर यूपी के बुलंदशहर जिले में एक 13 वर्षीय लड़की के सामूहिक बलात्कार और हत्या के मामले में तत्काल कार्रवाई की मांग की है। बच्ची की माँ ने घटना को लेकर दिल्ली महिला आयोग में शिकायत दर्ज करवाई है। दिल्ली महिला आयोग की अध्यक्ष स्वाति मालीवाल ने मामले का संज्ञान लिया और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को पत्र लिखा है। आयोग ने पत्र में तत्काल कार्रवाई की मांग करते हुए एफआईआर दर्ज कर आरोपियों की गिरफ्तारी की मांग की है।
आयोग ने मामले में कथित रूप से कार्रवाई करने से इनकार करने के लिए संबंधित पुलिस अधिकारियों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करने की भी मांग की है। साथ ही आयोग ने मामले की स्वतंत्र और निष्पक्ष जांच के लिए अपराध शाखा द्वारा कार्रवाई करने की सिफारिश की है। इसके अलावा आयोग अध्यक्ष ने मुख्यमंत्री से बच्ची के परिवार को आर्थिक मदद मुहैया कराने और इलाज पर हुए खर्च की पूर्ती करने का अनुरोध किया है। दिल्ली महिला आयोग की अध्यक्ष स्वाति मालीवाल ने कहा, हमें बुलंदशहर में एक 13 वर्षीय नाबालिग लड़की के साथ सामूहिक बलात्कार और हत्या की शिकायत मिली। मृतक बच्ची के माता-पिता ने मुझसे संपर्क किया, भले ही मामला मेरे अधिकार क्षेत्र से बाहर हो, लेकिन उनकी परेशानी को देखकर मैंने उनकी मदद करने का फैसला किया है।
मैं स्तब्ध हूं कि यूपी पुलिस ने 24 दिन बीत जाने के बावजूद इस मामले में एफआईआर दर्ज नहीं की है! मैंने पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट पढ़ी है जिससे पता चलता है कि लड़की को कितनी भयानक परेशानियों से गुजरना पड़ा था। मामले में जल्द से जल्द एफआईआर और गिरफ्तारी हो, साथ ही मामले में कार्रवाई न करने वाले अधिकारियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए।
उन्होंने आगे कहा कि, मैंने उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री को एक पत्र लिखा है और मुझे उम्मीद है कि मामला तुरंत अपराध शाखा को भेजा जाएगा और इसको गंभीरता से लिया जाएगा। दरअसल दिल्ली महिला आयोग की अध्यक्ष ने 4 जून को लड़की के माता-पिता से मुलाकात की। माता पिता ने बताया कि मामले में अभी तक एफआईआर दर्ज नहीं की गई है। उन्होंने आरोप लगाया कि उन्होंने 18 मई को बुलंदशहर जिले के औरंगाबाद थाने में शिकायत दर्ज कराई, लेकिन पुलिस अधिकारियों ने उस पर कार्रवाई करने से इनकार कर दिया।
19 मई को उनकी बेटी का पोस्टमॉर्टम और अंतिम संस्कार किया गया और उन्होंने 23 मई को फिर से स्थानीय पुलिस स्टेशन में एफआईआर की कॉपी के बारे में पूछताछ की। उन्होंने आरोप लगाया कि पुलिस अधिकारियों ने कहा कि जब तक पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट नहीं मिल जाती तब तक एफआईआर दर्ज नहीं की जाएगी।