एमसीडी के बजट पर दिल्ली कांग्रेस बोली, संपत्ति कर में वृद्धि से लोगों पर बढ़ेगा अतिरिक्त बोझ, प्रस्ताव का विरोध करेगी पार्टी
नई दिल्ली: उत्तरी दिल्ली नगर निगम का वर्ष 2021-22 के संशोधित बजट अनुमान और वर्ष 2022-23 के बजट अनुमान पेश किया और स्थायी समिति से रिहायशी व व्यावसायिक संपत्तियों के कर की दरों में दो प्रतिशत बढ़ोतरी का भी आग्रह किया है। प्रॉपर्टी टैक्स बढ़ाए जाने के प्रस्ताव की दिल्ली कांग्रेस ने घोर निन्दा की है।
दिल्ली प्रदेश कांग्रेस कमेटी अध्यक्ष अनिल कुमार ने कहा, भाजपा सरकार के कारण दिल्ली की तीनों नगर निगमों की हालत बद से बत्तर हो गई है। इससे पहले 23 नवम्बर को दक्षिणी नगर निगम ने भी वार्षिक बजट पेश किया था। जिसमें आवासीय सम्पत्तियों पर 14 प्रतिशत और कमर्शियल संपत्तियों 5 प्रतिशत टैक्स की दरें बढ़ाने का प्रस्ताव पेश किया गया था।
दरअसल उत्तरी निगम में स्थायी समिति से रिहायशी व व्यावसायिक संपत्तियों के कर की दरों में दो प्रतिशत बढ़ोतरी का आग्रह किया है। इसके साथ ही जो 15 प्रतिशत की छूट मिलती है उसे 10 प्रतिशत करने का भी आग्रह किया है।
अनिल चौधरी के मुताबिक, दिल्ली के लोग अभी तक कोरोना की अर्थिक तंगी से बाहर नहीं निकल सकें हैं। ऐसे में भाजपा की एमसीडी की सरकार ने प्रॉपर्टी टैक्स में 2 प्रतिशत की बढ़ोतरी करने जा रही है और प्रॉपर्टी टैक्स में 15 प्रतिशत छूट घटाकर 10 प्रतिशत कर रही है।
दिल्ली कांग्रेस के अनुसार, उत्तरी निगम ने जो बजट पेश किया है उससे दिल्लीवासियों की परेशानी बढ़ गई है क्योंकि नगर निगम का बजट 7330 से घटाकर भाजपा की नगर निगम की सरकार ने 5811 करोड़ कर दिया है। उत्तरी नगर निगम का कर्ज भी 7523 से बढ़कर 8803 करोड़ हो गया है।
निगमों में डॉक्टर्स की सैलरी का मुद्दा उठाते हुए उन्होंने कहा, उत्तरी नगर निगम के अन्तर्गत आने वाले अस्पताल हिन्दुराव के डाक्टर अनिश्चितकाल के लिए हड़ताल पर है क्योंकि डाक्टरों व मेडिकल स्टाफ को पिछले 3 महीने से सैलरी तक नहीं मिली है, जिसके चलते मेडिकल सेवाएं भी ठप पड़ी है।
उन्होंने कहा, निगम की सम्पत्तियां बेची जा रही है और भाजपा शासित निगम लूठ और भ्रष्ट्राचार का अड्डा बन गया है जिसके कारण आज तीनों नगर निगम कंगाली की कगाार पर है।
दिल्ली कांग्रेस ने तीनों निगमों से मांग करते हुए कहा है कि, दिल्ली नगर निगम दिल्लीवासियों पर इस तरह के अतिरिक्त बोझ ने डाला जाए।