1984 में हुए सिख विरोधी दंगों के मामले में जगदीश टाइटलर को दिल्ली की अदालत ने अग्रिम जमानत दे दी
नई दिल्ली : दिल्ली की अदालत ने 1984 में हुए सिख विरोधी दंगों के मामले में जगदीश टाइटलर को अग्रिम जमानत दे दी (Granted) । दिल्ली की एक अदालत ने राष्ट्रीय राजधानी के पुल बंगश इलाके में 1984 में हुए सिख विरोधी दंगों के सिलसिले में कांग्रेस नेता जगदीश टाइटलर की अग्रिम जमानत याचिका शुक्रवार को स्वीकार कर ली ।
विशेष न्यायाधीश विकास ढुल ने उन्हें अग्रिम जमानत देते हुए निर्देश दिया कि अदालत की अनुमति के बिना वह देश नहीं छोड़ेंगे। साथ ही मामले में सबूतों के साथ छेड़छाड़ नहीं करने जैसी कुछ शर्तें भी लगाई हैं। टाइटलर ने मंगलवार को राउज एवेन्यू कोर्ट का रुख किया था, जिसने मामले में केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) को नोटिस जारी किया था।
बुधवार को सुनवाई के दौरान जांच एजेंसी ने उनके अनुरोध पर आपत्ति जताते हुए कहा कि गवाह बहुत साहस दिखाते हुए आगे आए हैं और उन्हें प्रभावित करने की संभावना को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता। कोर्ट ने 26 जुलाई को इस मामले में टाइटलर को 5 अगस्त के लिए तलब किया था। विशेष एमपी-एमएलए अदालत की अतिरिक्त मुख्य मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट (एसीएमएम) विधि आनंद गुप्ता ने मामले में सीबीआई के आरोप पत्र पर संज्ञान लेने के बाद आदेश पारित किया था।
उल्लेखनीय है कि 1 नवंबर 1984 को आज़ाद मार्केट स्थित गुरुद्वारा पुल बंगश को एक भीड़ ने आग लगा दी थी और सरदार ठाकुर सिंह, बादल सिंह और गुरचरण सिंह नामक तीन लोगों की जलकर मौत हो गई थी। यह घटना तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की उनके सिख अंगरक्षकों द्वारा हत्या के एक दिन बाद हुई थी।
अदालत के समक्ष दायर अपने आरोप पत्र में सीबीआई ने कहा है कि टाइटलर ने 1 नवंबर को गुरुद्वारे में इकट्ठा भीड़ को उकसाया और भड़काया, जिसके परिणामस्वरूप गुरुद्वारे को जला दिया गया और सिख समुदाय के तीन लोगों की हत्या कर दी गई। जांच एजेंसी द्वारा टाइटलर के खिलाफ भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 147 (दंगा), 109 (उकसाने) के साथ धारा 302 (हत्या) के तहत आरोप लगाए गए हैं। राउज़ एवेन्यू कोर्ट ने 2 जून को दंगा मामले में टाइटलर के खिलाफ सीबीआई द्वारा दायर पूरक आरोप पत्र को मंजूरी दे दी और मामले को सुनवाई के लिए विशेष एमपी-एमएलए अदालत में स्थानांतरित कर दिया।
अदालत ने पहले भी सीबीआई को टाइटलर की आवाज के नमूने की फोरेंसिक रिपोर्ट प्राप्त करने की प्रक्रिया में तेजी लाने का निर्देश दिया था। कांग्रेस नेता के खिलाफ नए सबूत मिलने के बाद उनका नाम आरोप पत्र में शामिल किया गया था। केंद्रीय जांच एजेंसी ने अप्रैल में पुल बंगश में हुई हिंसा के सिलसिले में टाइटलर की आवाज का नमूना एकत्र किया था। टाइटलर पर पीड़ितों की हत्या करने वाली भीड़ को उकसाने का आरोप था।