मुफ्त राशन योजना को दिल्ली सरकार ने तीन महीने के लिए बढ़ाई
नई दिल्ली : दिल्ली सरकार ने गरीबों को मुफ्त अनाज देने की योजना को तीन महीने के लिए और बढ़ा दिया है. मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने इस बात की जानकारी दी. उन्होंने बताया कि सरकार ने फ्री राशन की इस योजना को 30 सितंबर तक के लिए बढ़ा दिया है.
मुख्यमंत्री केजरीवाल ने बताया कि, कोरोना को देखते हुए गरीबों को फ्री में राशन दिया जा रहा था. अब इस योजना को 30 सितंबर तक के लिए बढ़ा दिया गया. 30 सितंबर तक गरीबों को राशन की दुकानों से मुफ्त अनाज मिलेगा.
दिल्ली सरकार की ये योजना केंद्र सरकार की प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना से इतर है. केंद्र की योजना में भी गरीबों को हर महीने 5 किलो अनाज मुफ्त दिया जाता है. दिल्ली सरकार की योजना में भी इतना ही अनाज फ्री में मिलता है.
केजरीवाल सरकार के फैसले से 72.77 लाख से ज्यादा लोगों को फायदा होगा. नेशनल फूड सिक्योरिटी (NFS) एक्ट 2013 के तहत, जरूरतमंद और गरीबों को हर महीने 5 किलो अनाज मुफ्त दिया जाता है. इनमें प्रवासी मजदूर, असंगठित क्षेत्रों में काम करने वाले मजदूर, कंस्ट्रक्शन मजदूर, घरेलू कामगार के अलावा बिना राशन कार्ड वाले लोग शामिल हैं.
इस योजना के तहत हर महीने हर व्यक्ति को 4 किलो गेहूं और 1 किलो चावल मुफ्त दिया जाता है. राजधानी दिल्ली में 2 हजार से ज्यादा राशन की दुकानें हैं. इन्हीं राशन की दुकानों से गरीबों को मुफ्त में अनाज दिया जाता है.
मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने बताया कि कैबिनेट मीटिंग में 1,950 बसों की खरीद को भी मंजूरी दी गई है. ये बसें अगले साल सितंबर तक आ जाएंगे. उन्होंने बताया कि अभी दिल्ली में 7,200 बसें हैं. 4,800 बसों के लिए फ्रेश टेंडर दिए जा रहे हैं. उन्होंने दावा किया कि 2024 तक दिल्ली की सड़कों पर 11,910 बसें होंगी.
केजरीवाल ने बताया कि बजट में अर्बन फार्मिंग करने की घोषणा की थी. इसके तहत लोगों को घरों में ही फल-सब्जी उगाना सिखाएंगे. उन्होंने बताया कि अर्बन फार्मिंग को दो हिस्सों में बांटा गया है. एक वो जो अपनी जरूरत के लिए इसे करना चाहते हैं और दूसरे वो जो बिजनेस के लिए ये करना चाहते हैं. केजरीवाल ने बताया कि इसके लिए दिल्ली में एक हजार वर्कशॉप की जाएगी, जिससे 25 हजार परिवारों को फायदा होगा.
इसके अलावा आज कैबिनेट मीटिंग में विकास कार्यों को लेकर भी अहम फैसला लिया गया है. सीएम केजरीवाल ने बताया कि हर गांव में 2 करोड़ रुपये के विकास कार्य करने का फैसला लिया था, लेकिन इसमें कुछ दिक्कतें आ रही थीं. इसलिए अब तय किया गया है कि हर विधानसभा का एक बजट होगा और उस विधानसभा के अधीन आने वाले गांवों में काम किया जाएगा.