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सिलेबस लादने के बजाय बच्चों के कौशल में सुधार को दी जाए प्राथमिकता: दिल्ली सरकार

नई दिल्ली । दिल्ली विधानसभा शिक्षा स्थायी समिति की अध्यक्ष आतिशी ने सोमवार को दिल्ली के चार सरकारी स्कूलों का निरीक्षण किया। उन्होंने निरीक्षण के दौरान इन स्कूलों में चल रही विभिन्न शैक्षणिक गतिविधियों जैसे हैप्पीनेस करिकुलम, देशभक्ति करिकुलम, रीडिंग कैंपेन आदि की प्रगति की जांच की। इसके अलावा उन्होंने साइंस लैब और लाइब्रेरी में जाकर सभी जरूरी व्यवस्थाओं का मुआयना किया। विधायक आतिशी ने कहा कि शिक्षक छात्रों की मूलभूत कौशल को सुधारने को प्राथमिकता दें। अगर प्राथमिक स्कूलों में बुनियादी शिक्षा को मजबूत किया जाएगा तो शिक्षा का स्तर अपने आप सुधर जाएगा। छात्रों की बुनियादी शिक्षा मजबूत होंगी तभी उनकी भविष्य की नींव भी मजबूत होगी। उन्होंने छात्रों को सलाह दी कि वे सिर्फ नौकरी ढूंढने के लिए पढ़ाई न करें बल्कि दुसरें लोगों के लिए भी रोजगार के नए अवसर उत्पन्न करने के लिए पढ़ें। छात्र गवर्नेंस से जुड़े और समाज निर्माण में महत्वपूर्ण भूनिका निभाए।

आतिशी ने इन स्कूलों में चल रहे मिशन बुनियाद कार्यक्रम के कार्यान्वयन की भी समीक्षा की। मिशन बुनियाद से जुड़े सीखने-सिखाने के अनुभवों को जानने के लिए उन्होंने बच्चों व शिक्षकों से बातचीत की। उन्होंने कहा कि मिशन बुनियाद के माध्यम से कोरोना महामारी के कारण स्कूल बंद होने की वजह से छात्रों में आए लनिर्ंग गैप को खत्म करने में काफी मदद मिली है। मिशन बुनियाद दिल्ली सरकार के प्रमुख पहलों में से एक है जिसका उद्देश्य कक्षा 3 से 9वीं तक के बच्चों के पढ़ने, लिखने और बुनियादी गणितीय क्षमताओं में सुधार करना है।

इस दौरान आतिशी ने शिक्षकों के प्रयासों की सराहना की और कहा कि यह देख कर काफी अच्छा लग रहा है कि टीचर्स सिर्फ सिलेबस खत्म करने के लिए नहीं बल्कि बच्चों के मूलभूत कौशल में सुधार करने पर फोकस कर रहे हैं। उन्होंने विद्यार्थियों से उनकी पढ़ाई को लेकर चर्चा की और उनसे पूछा कि वे विभिन्न एक्स्ट्रा करिकुलर एक्टिविटीज के माध्यम से क्या सीख रहे हैं। बच्चों ने उनके साथ अपने अनुभव साझा किए और बताया कि एक्स्ट्रा करिकुलर एक्टिविटीज के माध्यम से वे स्वयं को बेहतर तरीके से व्यक्त कर पा रहे हैं।

स्कूलों का मुआयना करते व़क्त आतिशी स्कूल प्रबंधन समिति (एसएमसी) के सदस्यों से भी मिलीं और उनके बेहतरीन कामों की भी प्रसंशा की। उन्होंने कहा कि दिल्ली के सरकारी स्कूलों के स्कूल मैनेजमेंट कमेटी मॉडल के जरिये ज्यादा से ज्यादा पेरेंट्स को स्कूलों से जोड़ने और बच्चे की लनिर्ंग में उनकी भागीदार को सशक्त को करने में मदद मिली है।

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