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दिल्ली उच्च न्यायालय ने सड़कों पर बनाए गए अवैध पुलिस बूथों को हटाने संबंधी जनहित याचिका खारिज की

नई दिल्ली। दिल्ली उच्च न्यायालय ने राजधानी दिल्ली में सड़कों और फुटपाथों पर बनाए गए अवैध पुलिस बूथों को हटाने संबंधी एक जनहित याचिका सोमवार को खारिज कर दी। मुख्य न्यायाधीश डीएन पटेल और न्यायमूर्ति ज्योति सिंह की अध्यक्षता वाली खंडपीठ ने जनहित याचिका (पीआईएल) को खारिज करते हुए याचिकाकर्ता से इसे वापस लेने को कहा और ऐसा नहीं करने पर जुर्माना लगाने की चेतावनी भी दी।

इसके बाद एक गैर सरकारी संगठन जन सेवा वेलफेयर सोसाइटी की ओर से पेश हुए याचिकाकर्ता अधिवक्ता बांके बिहारी ने इस याचिका को वापस ले लिया ।
याचिका में आरोप लगाया गया है कि पुलिस बूथों के निर्माण से आम जनता और दिल्ली के निवासियों के जीवन एवं सुरक्षा के लिए गंभीर असुविधा तथा खतरा पैदा हो गया है। इसे देखते हुए याचिकाकर्ता ने संविधान के तहत पैदल चलने वालों के मौलिक अधिकारों (जीवन के अधिकार) की रक्षा के लिए और दिल्ली पुलिस के मनमाने तथा गैरकानूनी कृत्यों के खिलाफ इस न्यायालय के समक्ष याचिका दायर की है।

याचिका में दिल्ली पुलिस से 23 नवंबर, 2005 को जारी एसी से संबंधित उसके अपने परिपत्र के उल्लंघन में दिल्ली पुलिस के कार्यालय में लगाए गए सभी एयर कंडीशनर और डिस्प्ले बोर्ड को हटाने संबंधी निर्देश भी मांगा गया। याचिका में कहा गया है कि मुश्किल से 10-20 प्रतिशत पुलिस बूथ ऐसे हैं जिनमें वैध बिजली और पानी के कनेक्शन हैं। हालाँकि यह देखा गया है कि अधिकांश पुलिस बूथों में पानी , बिजली के कनेक्शन, यहाँ तक कि एसी और डिस्प्ले बोर्ड आदि जैसी सभी सुविधाएँ हैं। यह स्पष्ट रूप से दिल्ली पुलिस की ओर से गलत तौर तरीकों का परिचायक है।

इस याचिका में अधिवक्त ने कहा कि दिल्ली पुलिस के उच्च अधिकारियों को दिल्ली पुलिस के खिलाफ लंबित बकाया बिजली और पानी के बिलों के बारे में इस अदालत को एक रिपोर्ट देनी चाहिए और यह सुनिश्चित करना चाहिए कि दिल्ली पुलिस के संबंधित कार्यालय द्वारा शीघ्रतम इन बकाया बिलों का भुगतान किया जाए।

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