नई दिल्ली: नेशनल क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो (एनसीआरबी) के ताजा आंकड़ों के अनुसार, पिछले साल राजधानी दिल्ली में वरिष्ठ नागरिकों के खिलाफ अपराध के 906 मामले दर्ज किए गए जो देश के 19 महानगरों में सबसे ज्यादा हैं। दिल्ली में वरिष्ठ नागरिकों के खिलाफ अपराध 2019 की तुलना में 2020 में हालांकि कम हुए। 2019 में यहां ऐसे 1,076 मामले दर्ज किए गए थे। पिछले साल मुंबई में वरिष्ठ नागरिकों के खिलाफ अपराध के 844 मामले दर्ज किए गए, जबकि अहमदाबाद में 709, चेन्नई में 321, बेंगलुरु में 210, हैदराबाद में 170 और जयपुर में 157 मामले दर्ज किए गए। आंकड़ों के अनुसार, गाजियाबाद, कानपुर और पटना में ऐसा कोई मामला दर्ज नहीं किया गया।
एनसीआरबी केंद्रीय गृह मंत्रालय के तहत काम करता है और उसने 20 लाख से अधिक आबादी वाले 19 शहरों को महानगरों के रूप में वर्गीकृत किया है। इनमें अहमदाबाद, बेंगलुरु, चेन्नई, कोयंबटूर, दिल्ली, गाजियाबाद, हैदराबाद, इंदौर, जयपुर, कानपुर, कोच्चि, कोलकाता, कोझिकोड, लखनऊ, मुंबई, नागपुर, पटना, पुणे और सूरत शामिल हैं।
आंकड़ों के अनुसार, दिल्ली में दर्ज 906 मामलों में से सात हत्या के थे, जबकि दो गैर इरादतन हत्या के और एक मामला हत्या के प्रयास का था। चेन्नई में पिछले साल हत्या के सबसे ज्यादा 15 मामले दर्ज किए गए, जबकि मुंबई में 12 और बेंगलुरु में 10 मामले दर्ज किए गए।
साधारण चोट के सबसे ज्यादा 71 मामले इंदौर में दर्ज किए गए। इसके बाद चेन्नई में 64 और हैदराबाद में 42 मामले दर्ज किए गए। दिल्ली एकमात्र महानगर है जहां वरिष्ठ नागरिकों के साथ दुष्कर्म के मामले दर्ज किए गए। यहां चार ऐसे मामले दर्ज किए गए। राजधानी में गरिमा भंग करने के इरादे से महिलाओं पर हमले के आठ मामले दर्ज किए गए, जबकि मुंबई में छह, बेंगलुरु में पांच और अहमदाबाद में चार मामले दर्ज किए गए।