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दिल्ली हिंसा: पुलिस ने कोर्ट को बताया- प्रदर्शन स्थलों पर रची गई हिंसा की साजिश

नई दिल्ली। दिल्ली पुलिस ने दिल्ली हिंसा के आरोपित उमर खालिद की जमानत याचिका का विरोध करते हुए कहा कि प्रदर्शन स्थलों पर हिंसा की साजिश रची गई। आंदोलनों में जुटे स्थानीय लोगों का इससे कोई लेना-देना नहीं था। दिल्ली पुलिस की ओर से स्पेशल पब्लिक प्रोसिक्यूटर अमित प्रसाद ने कड़कड़डूमा कोर्ट में यह बातें कहीं।

सुनवाई के दौरान अमित प्रसाद ने कहा कि प्रदर्शन स्थलों पर बाहर से आए लोगों ने हिंसा की योजना को अंजाम दिया। अब ये स्थानीय लोग अभियोजन की मदद कर रहे हैं। अमित प्रसाद ने कहा कि हिंसा शुरू होने के बाद चुप्पी की साजिश देखी गई। उस साजिश पर से पर्दा देने की कोशिश की गई। अमित प्रसाद ने कहा कि 22 फरवरी, 2020 को हिंसा शुरू नहीं हुई थी। उस समय आरोपितों की गतिविधियां जारी थीं। उसमें स्थानीय लोग शामिल नहीं किए गए।

अमित प्रसाद ने कहा कि पूरी दिल्ली में 23 विरोध स्थल थे, तब उत्तर-पूर्वी दिल्ली को ही क्यों चुना गया। उन्होंने कहा कि शांतिपूर्ण विरोध प्रदर्शन में लाठी-डंडे और मिर्ची की क्या जरूरत थी। इससे शांति कैसे हो सकती है। उन्होंने उमर खालिद का बयान पढ़ते हुए कहा कि ‘खून बहाना पड़ेगा, ऐसे नहीं चलेगा’। अमित प्रसाद ने कहा कि आप अपना खून तो नहीं बहा रहे हो। किसका खून बहा रहे हो।

31 जनवरी को अमित प्रसाद ने कहा था कि किसी को कानून से शिकायत है तो उसे विरोध करने का अधिकार है लेकिन उसे सार्वजनिक और निजी संपत्तियों को नुकसान पहुंचाने और पुलिसकर्मियों पर हमले का हक नहीं है। अमित प्रसाद ने कहा था उत्तर-पूर्वी दिल्ली इलाके के गूगल मैप कोर्ट से साझा किया। उन्होंने कहा था कि उत्तर-पूर्वी दिल्ली के खास मार्गों को अवरुद्ध कर दिया गया ताकि पूरा इलाका कट जाए। उन्होंने कहा था कि हर घटना में पुलिस पर हमला और सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान पहुंचाने का पैटर्न देखा गया। अमित प्रसाद ने कहा कि अगर आपको किसी कानून से शिकायत है तो उसे व्यक्त करने का अधिकार है लेकिन इसका मतलब ये नहीं है कि आप संपत्तियों को नुकसान करेंगे और पुलिसकर्मियों पर हमले करेंगे।

उल्लेखनीय है कि क्राइम ब्रांच ने उमर खालिद पर दंगे भड़काने, दंगों की साजिश रचने और देशविरोधी भाषण देने के अलावा दूसरी धाराओं के तहत चार्जशीट दाखिल की थी। करीब 100 पेजों की चार्जशीट में कहा गया है कि 8 जनवरी, 2020 को शाहीन बाग में उमर खालिद, खालिद सैफी औऱ ताहिर हुसैन ने मिलकर दिल्ली दंगों की योजना बनाने के लिए मीटिंग की। इस दौरान ही उमर खालिद ने नागरिकता संशोधन विधेयक के खिलाफ प्रदर्शनों में मध्य प्रदेश, राजस्थान, बिहार और महाराष्ट्र में हिस्सा लिया और भड़काऊ भाषण दिए। इन भाषणों में उमर खालिद ने दंगों के लिए लोगों को भड़काया है। चार्जशीट में कहा गया है कि जिन-जिन राज्यों में उमर खालिद गया उसके लिए उसे आने-जाने और रुकने का पैसा प्रदर्शनकारियों के कर्ता-धर्ता इंतजाम करते थे।

उमर खालिद को 13 सितंबर, 2020 को पूछताछ के बाद स्पेशल सेल ने गिरफ्तार कर लिया था। 17 सितंबर, 2020 को कोर्ट ने दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल की ओर से दायर चार्जशीट पर संज्ञान लिया था। 16 सितंबर, 2020 को स्पेशल सेल ने चार्जशीट दाखिल की थी।

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