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DELHI: लॉकडाउन के दौरान अब कोई भी संस्थान छात्रों से नहीं मांगेगा फीस

नई दिल्ली: इंजीनियरिंग, मैनेजमेंट सहित दूसरे प्रोफेशनल्स कोर्स की पढ़ाई कर रहे छात्रों को सरकार ने बड़ी राहत दी है। लॉकडाउन के दौरान इनसे अब कोई भी संस्थान फीस नहीं मांगेगा। अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद (एआइसीटीई) ने इसे लेकर देश भर के इंजीनियरिंग व प्रबंधन संस्थानों को कड़े निर्देश जारी किए है। साथ ही इन संस्थानों से शिक्षकों को भी समय पर वेतन देने के लिए कहा है।

एआइसीटीई ने यह निर्देश उस समय दिया है, जब छात्रों औऱ शिक्षकों की तरफ से इसे लेकर नियमित रूप से शिकायतें मिल रही हैं। संस्थानों की ओर से छात्रों पर फीस जमा करने के लिए दबाव बनाया जा रहा है। एआइसीटीई ने इसे लेकर जारी निर्देश में इसका जिक्र किया है। इसके साथ ही संस्थानों से कहा है कि फीस जमा करने की समय-सीमा अब तीन मई को लॉकडाउन खत्म होने के बाद ही निर्धारित की जाए। इस बीच किसी भी छात्र को फीस जमा करने के लिए न कहा जाए।

एआइसीटीई ने छात्रों को फेक न्यूज से सतर्क रहने को भी कहा है। वहीं सही जानकारी के लिए मानव संसाधन विकास मंत्रलय, यूजीसी और एआइसीटीई की आधिकारिक वेबसाइट को देखने को कहा है। देश भर में मौजूदा समय में दस हजार से ज्यादा तकनीकी व प्रबंधन संस्थान है। इनमें बड़ी संख्या में निजी संस्थान है। जहां इस समय करीब 18 लाख छात्र-छात्रएं अलग-अलग कोसोर्ं की पढ़ाई कर रहे है। इन संस्थानों में करीब छह लाख शिक्षक कार्यरत है।

आसान नहीं है ऑनलाइन परीक्षा की राह

कोरोना संकट के बीच सरकार के सामने बड़ी चुनौती शैक्षणिक गतिविधियों को जारी रखने और परीक्षाओं को समय पर कराने की है। इनमें शैक्षणिक गतिविधियां तो काफी हद तक शुरू भी हो गई हैं, लेकिन यह चुनौती अब भी बनी हुई है कि इस माहौल में परीक्षाएं कैसे कराई जाएं। हालांकि मानव संसाधन विकास मंत्रलय ने इस दौरान ऑनलाइन परीक्षा जैसी संभावनाओं को लेकर एक उच्च स्तरीय कमेटी भी गठित की है, लेकिन इसके जो शुरुआती रुझान सामने आए हैं, उनमें यह राह भी आसान नहीं लग रही है।

यह डगर इसलिए भी कठिन है कि क्योंकि देश के ज्यादातर विश्वविद्यालयों(विवि) और कॉलेजों के पास आइटी का कोई मजबूत इंफ्रास्ट्रक्चर ही नहीं है, जिसके जरिये अटकी हुई परीक्षाओं को समय पर कराया जा सके। हालांकि इस बीच जेईई मेंस या दूसरी प्रतियोगी परीक्षाओं की तरह आइटी क्षेत्र की निजी कंपनियों की मदद से इन्हें कराने की चर्चा हुई, लेकिन मौजूदा स्थिति में लॉकडाउन के चलते ये कंपनियां भी बंद पड़ी हैं। साथ ही विवि स्तर पर ऐसी आइटी कंपनियों की मदद से ऑनलाइन परीक्षाओं का आयोजन एक महंगा कदम होगा। यूजीसी से जुड़े एक अधिकारी के मुताबिक मौजूदा परिस्थितियों में ऑनलाइन परीक्षाएं नहीं हो सकती हैं। ऐसे में लॉकडाउन खत्म होने का इंतजार किया जा रहा है। जैसे ही स्थितियां सामान्य होंगी, तुरंत परीक्षाएं कराई जाएंगी। इसे लेकर विवि को पूरी तैयारी रखने को कहा गया है। इस बीच सबसे फाइनल ईयर की परीक्षाएं आयोजित कराई जाएंगी।

इस बीच ऑनलाइन पढ़ाई को लेकर यूजीसी ने सभी विवि से अपने स्तर पर एक-एक छात्र तक पहुंचने के निर्देश दिए हैं। इसके अलावा विश्वविद्यालय स्तर पर ही छात्रों के लिए पर्याप्त ऑनलाइन स्टडी मैटेरियल भी तैयार करने को कहा है, ताकि वे लॉकडाउन के दौरान घर बैठे ही बेहतर पढ़ाई कर सकें। बता दें कि मानव संसाधन विकास मंत्रलय इसलिए ऑनलाइन परीक्षाओं की संभावनाएं टटोल रहा है, क्योंकि देश के ज्यादातर विश्वविद्यालयों की परीक्षाएं अटकी हुई हैं। यह साफ है कि अभी भले ही ऑनलाइन परीक्षाएं संभव नहीं लग रही हैं, लेकिन आने-वाले दिनों में सभी शैक्षणिक संस्थानों को इसकी भी पूरी तैयारी रखनी पड़ेगी।

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