मध्य प्रदेश में आहार घोटाले की सीबीआइ जांच की मांग
जबलपुर: आम आदमी पार्टी ने आरोप लगाया है कि मध्य प्रदेश घोटालों का प्रदेश बनता जा रहा है। एक नया घोटाला सामने आ रहा है। अरबों रुपये का पूरक पोषण आहार घोटाला इसी कड़ी में सामने आया है। इसे मध्य प्रदेश के महिला बाल विकास विभाग द्वारा अंजाम दिया जा रहा है। आम आदमी पार्टी जबलपुर द्वारा इस सिलसिले में मुख्य सचिव मध्यप्रदेश शासन को पत्र लिखकर समस्त मामले की जांच सीबीआइ से करवाने की मांग की गई है। ऐसा न किए जाने पर हाई कोर्ट में जनहित याचिका दायर कर दी जाएगी।
आम आदमी पार्टी के मनीष शर्मा ने बताया कि महिला बाल विकास विभाग से प्राप्त जानकारी के अनुसार पांच वर्षों में मध्य प्रदेश में 13 लाख 42 हजार बच्चियों जिनकी उम्र 11 से 14 वर्ष की है उन्होंने स्कूल छोड़ दिया है। उनको टेक होम राशन योजना के तहत उक्त अवधि में चार अरब 24 करोड़ रुपये से अधिक का पोषण आहार घर-घर जाकर वितरित किया है। चौंकाने वाला खुलासा यह है कि जब मध्य प्रदेश शासन के शिक्षा विभाग द्वारा यह जानकारी प्राप्त की गई क्या उपरोक्त अवधि में इतनी बड़ी संख्या में बच्चियों द्वारा स्कूल छोड़ा गया तब शिक्षा विभाग द्वारा इसे सिरे से नकार दिया गया तथा इसे महिला बाल विकास विभाग की कोरी कागजी कार्रवाई निरूपित की।
स्पष्ट है कि यह अरबों रुपये का एक बड़ा पोषण आहार घोटाला महिला बाल विकास विभाग द्वारा अंजाम दिया गया है। मनीष शर्मा अध्यक्ष जबलपुर लोकसभा ने बताया कि पूर्व में भी महिला बाल विकास पर यह आरोप लग चुके हैं तथा जिसे महालेखा परीक्षक, कैग द्वारा भी प्रमाणित किया जा चुका है कुछ मामलों की जांच कार्रवाई में है, परंतु यह एक बड़ा मामला सामने आया है जिसमें अरबों रुपये शामिल हैं। आम आदमी पार्टी के प्रवीण परसाई, बृजेश चतुर्वेदी, सुधीर खरे, मधुबाला श्रीवास्तव, गंगा केसरवानी, माला शिवहरे, रितेश सिंह, संतोष वर्मा, संजय पाठक, जगदीश विश्वकर्मा, सुरेश कोष्टा, मयंक राज, अंकित गोस्वामी सहित अन्य ने मुख्य सचिव से समस्त मामले की जांच सीबीआइ से करवाने की मांग की है अन्यथा मामले को हाई कोर्ट जाने की चेतावनी दी है।