ई-कॉमर्स कंपनियों में बढ़ी श्रमिकों की मांग, ये शहर बने अस्थाई नौकरियों के केन्द्र
नई दिल्ली : महंगाई के बीच देश में उपभोक्ता खपत तेजी से बढ़ रही है। बड़े शहरों को छोड़ दिया जाए तो देश के बाकी शहरों में फास्ट मूविंग कंज़्यूमर गुड्स की मांग में तेजी आ रही है। ऐसे में ई-कॉमर्स कंपनियां क्विक कॉमर्स प्लेटफॉर्म के जरिए अपनी क्षमता को बढ़ा रही हैं। रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया ने अपनी मासिक रिपोर्ट में दावा किया है कि ई-कॉमर्स कंपनियां बढ़ती मांग को पूरा करने के लिए अपने यहां श्रमिकों की संख्या बढ़ा रही है।
साथ ही, एफएमसीजी व अन्य कंपनियां भी उत्पाद क्षमता को बढ़ाने के लिए लोगों को रोजगार दे रही है। चालू वर्ष 2024 में देश भर में इन कंपनियों द्वारा 9 करोड़ लोगों को अस्थाई और अनुबंध के आधार पर नौकरी दी गई है। नई नौकरियां देने के मामले में गुरुग्राम और कोयंबटूर बड़ा केंद्र बनकर उभरा है।
रिपोर्ट कहती है कि नौकरी देने की प्रक्रिया में अब भौगोलिक बदलाव दिखाई दे रहा है। बड़े शहरों को छोड़ गुरुग्राम और कोयंबटूर जैसे शहर रोजगार के केंद्र बन रहे हैं क्योंकि, ई-कॉमर्स कंपनियां अपनी सारी सेवाओं को इन शहरों से संचालित कर रही है। उपभोक्ता को समय पर डिलीवरी देने के लिए अब ई-कॉमर्स कंपनियों ने क्विक कॉमर्स प्लेटफॉर्म पर काम कर रही है।
ऐसे में देश की जानी-मानी कंपनियां कोयंबटूर और गुरुग्राम जैसे शहरों में अपनी ऑपरेशनल क्षमता को बढ़ा रही हैं। इससे इन शहरों में रोजगार के अवसर भी तेजी से बढ़ रहे हैं, जिसे आर्थिक विकास की भाषा में गिग अर्थव्यवस्था भी कहा जाता है। रिपोर्ट कहती है कि खपत बढ़ने से नियुक्तियों में सकारात्मक तेजी देखने को मिली रही है।
भारत में अब लॉजिस्टिक, ईवी, ईवी इंफ्रास्ट्रक्चर, कृषि, एग्रोकेमिकल्स और ई-कॉमर्स जैसे क्षेत्रों में सबसे ज्यादा अवसर पैदा हो रहे हैं। वैश्विक स्तर पर देखा जाए तो प्रौद्योगिकी, अनुसंधान एवं विकास में उच्च कौशल वाली नौकरियां पैदा हो रही हैं, लेकिन भारत में उच्च कौशल के साथ ही निम्न और मध्यम कौशल श्रेणी में रोजगार के अवसर मिल रहे हैं।
आने वाले वर्ष में ई-कॉमर्स के साथ ही सेमीकंडक्टर क्षेत्र भी देश में बड़े रोजगार के अवसर पैदा करेगा। आरबीआई की मानना है कि आगामी वर्ष 2025 में देश भर में सेमीकंडक्टर उद्योग और उससे जुड़े अन्य उद्योगों के जरिए देश भर में 80 हजार नई नौकरियों के अवसर पैदा होंगे।
सरकार द्वारा संचालित सेमीकंडक्टर मिशन के तहत 1.25 लाख करोड़ रुपया निवेश किया जा रहा है, जिससे पूरे उद्योग में संगठित और असंगठित क्षेत्र की नौकरियां पैदा होंगी। रिपोर्ट कहती है कि अर्थव्यवस्था (जीडीपी) की गति आने वाले वित्तीय वर्ष (2025-26) में 6.7 प्रतिशत या उससे थोड़ा ऊपर रहने का अनुमान है, लेकिन तमाम क्षेत्रों में रोजगार के अवसर पैदा होने की बड़ी संभावना है। वहीं, महंगाई दर 3.8 तक रहेगी।
साल 2022 में नीति आयोग ने ई-कॉमर्स कंपनियों से जुड़कर सेवाएं देने वाले अस्थाई कर्मचारियों यानी गिग वर्करों को लेकर अध्ययन किया था। उसमें कहा गया था कि वर्तमान में गिग वर्क की संख्या देश में 77 लाख है, जो वर्ष 2029-30 तक 2.35 करोड़ हो जाएगी, लेकिन अब आंकड़ों से पता चलता है कि यह संख्या नीति आयोग के अनुमान से भी कहीं तेजी से बढ़ रही है। अगर एक वर्ष में नौ करोड़ वर्कर जुड़ रहे हैं तो अगले पांच वर्ष में यह संख्या तेजी से बढ़ेगी।