बांग्लादेश में लोकतंत्र होगा खत्म, संविधान रद्द करने की तैयारी में यूनुस, पाकिस्तान साजिश में शामिल

ढाका: बांग्लादेश में अगले कुछ दिनों में बड़े बदलाव होने वाला है। मोहम्मद यूनुस जुलाई के अंत तक संविधान खत्म करके खुद को देश का सर्वोच्च नेता घोषित करने की तैयारी में हैं। इसमें उनका साथ पाकिस्तान दे रहा है। यह दावा बांग्लादेश के वरिष्ठ पत्रकार सलाहुद्दीन शोएब चौधरी ने किया है।
सलाहुद्दीन शोएब चौधरी ने एक लेख में दावा किया कि यूनुस बांग्लादेश को इस्लामिक देश बनाना चाहते हैं। चौधरी ने कहा कि यूनुस का इरादा मौजूदा लोकतांत्रिक व्यवस्था को खत्म कर एक क्रांतिकारी सरकार का गठन करनाहै और सेना, प्रशासन और न्यायपालिका को पूरी तरह से अपने कब्जे में ले लेना है।
पाकिस्तान साजिश में शामिल
चौधरी के अनुसार, यूनुस को बांग्लादेश को इस्लामिक देश बनाने के लिए न केवल अमेरिका की डीप स्टेट का समर्थन हासिल है, बल्कि पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी ISI भी इस साजिश में शामिल है। उनका आरोप है कि ये ताकतें बांग्लादेश की लोकतांत्रिक संस्थाओं को कमजोर कर वहां एक इस्लामी कट्टरपंथी शासन स्थापित करना चाहती हैं। हालांकि, बांग्लादेश सरकार ने चौधरी के इन आरोपों को सिरे से खारिज करते हुए उन्हें बेबुनियाद बताया है।
जुलाई चार्टर में रखेगा इस्लामी शासन की नींव
उन्होंने कहा कि यूनुस को संयुक्त राष्ट्र के भीतर से समर्थन मिलने के संकेत मिल रहे हैं। यूएन रेजिडेंट कोऑर्डिनेटर ग्विन लुईस की हालिया टिप्पणी यह दर्शाती है कि संयुक्त राष्ट्र की चुप्पी यूनुस को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर वैधता प्रदान कर सकती है। चौधरी का दावा है कि यूनुस समर्थित सरकार जुलाई में एक नया “जुलाई चार्टर” पेश करने जा रही है, जो मौजूदा संविधान की जगह लेगा और देश में इस्लामी शासन की नींव रखेगा।
उनके अनुसार, इस चार्टर के ज़रिए यूनुस सेना, न्यायपालिका और अन्य प्रमुख संस्थाओं पर नियंत्रण स्थापित कर अपने विरोधियों को दबाना चाहते हैं। दिलचस्प बात यह है कि दिसंबर 2024 तक यूनुस इस चार्टर के अस्तित्व से इनकार करते रहे, लेकिन अब यही दस्तावेज़ उनके संभावित अधिनायकवादी शासन की आधारशिला बन सकता है।
सेना निभा सकती है अहम भूमिका
माना जा रहा है कि यूनुस को रोकने में सेना अहम भूमिका निभा सकती है। इसमें जनरल वकार उज जमां, बांग्लादेश के सेना प्रमुख, की भूमिका इस पूरे परिदृश्य में सबसे अहम मानी जा रही है। यदि सेना ने समय रहते मोहम्मद यूनुस की योजनाओं के खिलाफ ठोस कदम नहीं उठाए, तो देश तेजी से गृहयुद्ध की ओर बढ़ सकता है।