उत्तराखंडराज्य

उत्तराखंड में डेंगू का कहर 2049 के मरीज मिले, 14 मौतें हुई, पौड़ी गढ़वाल में सबसे ज्यादा मरीज

देहरादून : उत्तराखंड में डेंगू का डंक कहर बरपा रहा है। उत्तराखंड में अब तक 2049 डेंगू के मामले सामने आए हैं। सबसे ज्यादा मामले अब तक देहरादून में मिले हैं। हालांकि 22 सितंबर को पौड़ी गढ़वाल में सबसे ज्यादा डेंगू के मरीज मिले। शुक्रवार को प्रदेशभर में 96 डेंगू के मरीज मिले हैं।

उत्तराखंड में डेंगू के मरीजों में दिन-प्रतिदिन वृद्धि होती जा रही है। शुक्रवार को देहरादून में 18, हरिद्वार में 06, नैनीताल में 16, टिहरी गढ़वाल में 07, चमोली में 01 और पौड़ी में सबसे अधिक 42 डेंगू के मरीज पाए गए। हालांकि राहत की बात यह रही कि शुक्रवार को डेंगू से किसी की मौत नहीं हुई। प्रदेश में अब तक डेंगू के कारण 14 लोगों की मौत हो चुकी है जिनमें से 01 मरीज नैनीताल का और 13 मरीज देहरादून के थे।

डेंगू के मरीजों के बढ़ते मामलों को देखते हुए स्वास्थ्य मंत्री डॉ. धन सिंह रावत ने डेंगू की रोकथाम को लेकर जिला प्रशासन और संबंधित विभागों के साथ समन्वय बनाकर कार्य करने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने शुक्रवार को अपने शासकीय आवास पर वर्चुअल माध्मय से स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों एवं सभी जनपदों के मुख्य चिकित्साधिकारियों के साथ बैठक की।

इस दौरान स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि आगामी डेढ़ माह तक डेंगू के खतरे की संभावना है। जिसको देखते हुए अधिक संवेदनशील जनपदों में स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों को संबंधित विभागों के साथ तालमेल कर जन जागरुकता अभियान जारी रखने के निर्देश दिए गए हैं। साथ ही आम लोगों को भी डेंगू के प्रति सतर्क रहने की आवश्यकता है।

डॉ. रावत ने कहा कि प्रदेश में अब तक 2049 मामले आए हैं। जिनमें से 1625 स्वस्थ हो चुके हैं जो कि कुछ डेंगू पीड़ित मरीजों की संख्या का करीब 80 प्रतिशत है। प्रदेश में डेंगू मरीजों के लिए प्लेटलेट्स की कोई कमी नहीं होने दी जाएगी। राज्य के ब्लड बैंकों में भी पर्याप्त मात्रा में ब्लड और प्लेटलेट्स उपलब्ध हैं। एक लाख से अधिक लोगों ने स्वैच्छिक रक्तदान के लिए ई-रक्त पोर्टल अपना पंजीकरण कराया है।

प्रदेश में अब तक ई-रक्त पोर्टल पर एक लाख 03 हजार 856 लोगों ने स्वैच्छिक रक्तदान को पंजीकरण कराया है। 17 सितंबर से अब तक सेवा पखवाड़े में 216 रक्तदान शिविरों के माध्यम से 17893 लोगों ने ई-रक्त पोर्टल पर स्वैच्छिक रक्तदान को पंजीकरण कराया। इस अवधि में 7800 लोगों ने स्वैच्छिक रक्तदान भी किया। यह अभियान विभिन्न शिक्षण संस्थानों, प्रतिष्ठानों और सरकारी कार्यालयों में अगले 2 अक्टूबर तक जारी रहेगा।

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