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तनाव के बावजूद अमेरिका को इंजीनियरिंग उत्पादों का निर्यात 18% तक बढ़ा, EEPC ने जारी किए आंकड़े

नई दिल्‍ली : भारत से अमेरिका को इंजीनियरिंग उत्पादों का निर्यात जनवरी, 2025 में सालाना आधार पर 18 फीसदी बढ़कर 1.62 अरब डॉलर पर पहुंच गया। हालांकि, देश के कुल इंजीनियरिंग निर्यात में मामूली 7.44 फीसदी की वृद्धि हुई है। यह आंकड़ा ऐसे समय सामने आया है, जब अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भारत (India) और अन्य देशों की ओर से लगाए जाने वाले उच्च टैरिफ को ‘बहुत अनुचित’ करार दिया है। साथ ही, अमेरिकी उत्पादों पर शुल्क लगाने वाले देशों पर 2 अप्रैल से जवाबी टैरिफ लगाने की चेतावनी दी है।

इंजीनियरिंग निर्यात संवर्द्धन परिषद (ईईपीसी) के बुधवार को जारी आंकड़ों के मुताबिक, चालू वित्त वर्ष की अप्रैल-जनवरी अवधि में अमेरिका को इंजीनियरिंग निर्यात एक साल पहले के 14.38 अरब डॉलर से करीब 9 फीसदी बढ़कर 15.60 अरब डॉलर पहुंच गया। वहीं, संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) को जनवरी में निर्यात 56 फीसदी बढ़कर 61 करोड़ डॉलर और अप्रैल-जनवरी में 45 फीसदी बढ़कर 6.87 अरब डॉलर पहुंच गया।

भारत के इंजीनियरिंग उत्पादों का निर्यात जिन देशों में बढ़ा है, उनमें जर्मनी, मेक्सिको, तुर्किये, दक्षिण अफ्रीका, फ्रांस, जापान, नेपाल और बांग्लादेश भी शामिल हैं। यूके, सऊदी अरब, मलयेशिया, चीन, इटली और स्पेन को निर्यात में गिरावट आई है।

ईईपीसी ने कहा, कई देशों के बीच तनाव और बढ़ते व्यापार संरक्षणवाद के बावजूद भारत के इंजीनियरिंग निर्यात ने लगातार नौवें महीने सकारात्मक वृद्धि बनाए रखी है। हालांकि, जनवरी में वृद्धि की रफ्तार दिसंबर के 8.32 फीसदी से घटकर 7.44 फीसदी रह गई। जनवरी में कुल इंजीनियरिंग निर्यात 9.42 अरब डॉलर का रहा, जबकि एक साल पहले यह 8.77 अरब डॉलर रहा था।

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