देहरादून (गौरव ममगाईं)। उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने ‘वाइब्रेंट गुजरात’ से प्रेरणा लेकर ‘डेस्टिनेशन उत्तराखंड’ थीम को अपनाकर राज्य में विकास करने का फैसला लिया है। सीएम धामी के ‘डेस्टिनेशन उत्तराखंड’ को सफल बनाने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी कल ग्लोबल इन्वेस्टर समिट के दौरान इसमें पूरा सहयोग देने का एलान कर दिया है। आज हर तरफ डेस्टिनेशन उत्तराखंड मॉडल की चर्चा होने लगी है। डेस्टिनेशन उत्तराखंड की राज्य की आर्थिक तरक्की एवं समृध्दि में खास भूमिका मानी जा रही है। आखिर क्या है डेस्टिनेशन उत्तराखंड मॉडल ? और प्रदेश की तरक्की में यह कैसे निर्णायक साबित हो सकता है ? चलिये जानते हैं…
दरअसल, मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने प्रदेश के विकास के मॉडल का नाम ‘डेस्टिनेशन उत्तराखंड’ बहुत ही सोच-समझकर रखा है। डेस्टिनेशन उत्तराखंड प्रदेश की सभी जटिल समस्याओं एवं चुनौतियों का समाधान देने में सक्षम है, जिन्हें राज्य गठन के बाद से अब तक हासिल नहीं किया जा सकता है। डेस्टिनेशन उत्तराखंड विभिन्न क्षेत्रों में उत्तराखंड को सर्वश्रेष्ठ स्थान के रूप में स्थापित करने पर जोर देता है, जिसमें न सिर्फ उत्तराखंड में निवेशकों को आकर्षित करने तक सीमित रहा जायेगा, बल्कि कई अन्य क्षेत्रों में विकास के लिए जरूरी उपाय भी किये जाएंगे। डेस्टिनेशन उत्तराखंड अनेक क्षेत्रों में आर्थिक क्रांति लाने में सक्षम होगा। डेस्टिनेशन उत्तराखंड के मुख्य आधार ये हैं—
अर्थव्यवस्था की ‘रीढ़’ बनेगा पर्यटनः
डेस्टिनेशन उत्तराखंड प्रदेश को सबसे पसंदीदा पर्यटन स्थल के रूप में स्थापित करने पर भी देता है। सीएम पुष्कर सिंह धामी चाहते हैं कि उत्तराखंड के प्रसिध्द पर्यटन स्थलों का देश ही नहीं, दुनिया के देशों में प्रचार किया जाए, ताकि ज्यादा से ज्यादा विदेश पर्यटक भी उत्तराखंड में आते रहें। विदेश पर्यटकों के आने से प्रदेश के छोटे-बड़े व्यापारियों को लाभ होगा। पर्यटन उत्तराखंड की आर्थिकी में मुख्य योगदान देता रहा है, लेकिन डेस्टिनेशन उत्तराखंड इसमें कई गुना वृध्दि कर सकता है।
उद्योग व सेवा क्षेत्र में तेजी लायेगा ‘उत्तराखंड डेस्टिनेशन’
उत्तराखंड डेस्टिनेशन के तहत उत्तराखंड को उद्योग एवं सेवा क्षेत्र के लिए आदर्श राज्य के रूप में पेश किया जाएगा। यहां कच्चे उत्पादों की उपलब्धता होने के कारण उद्योग एवं सेवा क्षेत्र को आकर्षित करने पर भी जोर दिया जाएगा। इससे प्रदेश की अर्थव्यवस्था को तेजी मिलेगी, साथ ही उद्योग एवं सेवा क्षेत्र के विकास से रोजगार के अवसर भी पैदा होंगे।
देश-विदेश के बड़े पूंजीपति उत्तराखंड में करेंगे आयोजन
डेस्टिनेशन उत्तराखंड के अंतर्गत प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वेड इन इंडिया व बेस्ट प्लेस उत्तराखंड का नारा दिया। पीएम नरेंद्र मोदी ने कहा कि आज देश के बड़े पूंजीपति पारिवारिक विवाह व अन्य कार्यक्रमों का आयोजन विदेश में करते हैं। इस परंपरा को खत्म करना चाहिए, अब बड़े लोगों को कार्यक्रम उत्तराखंड जैसे राज्यों में करने चाहिए। उत्तराखंड दुनिया का सबसे सुंदर व सुरक्षित जगह है। यहा देवताओ की कृपा भी मिलती है। पीएम मोदी की अपील के बाद यह संभावना जताई जा रही है कि आने वाले समय में बड़े-बड़े पूंजीपति उत्तराखंड में पारिवारिक कार्यक्रमों का आयोजन कर सकते हैं। यह प्रदेश में इंफ्रास्ट्रक्चर व व्यापार को कई गुना तेजी देगा।
देश-दुनिया में छायेंगे उत्तराखंडी उत्पाद
डेस्टिनेशन उत्तराखंड, राज्य के पहाड़ी उत्पादों को बढ़ावा देता है। इसके तहत प्रधानमंत्री मोदी व सीएम धामी ने उत्तराखंड के उत्पादों को हाउस आफ हिमालयाज ब्रांड नाम दिया है। इस ब्रांड के नाम से उत्तराखंड के मंडुआ, झंगोरा, मालटा, काष्ठ-ऊनी उत्पादों, कांस्य-ताम्र बर्तन, फार्मा उत्पादों को देश व दुनिया में बेचा जायेगा। इससे प्रदेश में उत्पादन को बढ़ावा मिलेगा।
फिल्म शूटिंग में भी उत्तराखंड को बेस्ट डेस्टिनेशन बनाने पर जोर
उत्तराखंड डेस्टिनेशन के तहत उत्तराखंड को फिल्म शूटिंग के लिए भी बेस्ट डेस्टिनेशन के रूप में स्थापित करने का प्रयास किया जाएगा। पिछले 5-6 साल में उत्तराखंड में करन जौहर बैनर की ‘स्टूडेंट ऑफ द ईयर-2’, शाहिद कपूर की ‘बत्ती गुल-मीटर चालू’, आयुष्मान खुराना की ‘जोर लगाके अइशा..’ जैसी बड़ी बॉलीवुड फिल्में शूट हो चुकी हैं। इसके अलावा दक्षिण की भी कई फिल्में शूट की गई, लेकिन यह संख्या बेहद सीमित रही हैं। इसमें निरंतरता नहीं देखी जा रही है। पिछली त्रिवेंद्र सिंह रावत सरकार ने इस पर ध्यान जरूर दिया था, लेकिन अपेक्षाकृत नतीजे नहीं मिल सके। अब सीएम पुष्कर सिंह धामी उत्तराखंड में बॉलीवुड व टॉलीवुड की ज्यादा से ज्यादा फिल्में शूट कराने की कोशिश करेंगे। इसके लिए सरकार ने उत्तराखंड फिल्म नीति में भी कई छूट दी है।
इस तरह डेस्टिनेशन उत्तराखंड प्रदेश को उत्पादन, सेवा, आयोजन, निवेश, पर्यटन व उपभोग के रूप में स्थापित करने पर जोर देता है, जिससे प्रदेश अगले 5 वर्षों में दोगुनी अर्थव्यवस्था का लक्ष्य हासिल कर लेगा, साथ ही डेस्टिनेशन उत्तराखंड को इंफ्रास्ट्रक्चर के विस्तार और उत्पादन, रोजगार, स्वरोजगार को बढावा देकर पलायन जैसी बड़ी समस्याओं का समाधान देने में सक्षम माना जा सकता है। इसलिए डेस्टिनेशन उत्तराखंड को सीएम पुष्कर सिंह धामी की दूरदर्शी सोच के रूप में देखा जा रहा है, जिसके आने वाले एक-दो वर्षों में सुखद परिणाम भी देखने को मिलने की उम्मीद है।