महाराष्ट्र : महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री ने साल 2019 में राज्य में हुई सियासी उठा पटक को लेकर बड़ा दावा कर दिया। सोमवार को उन्होंने कहा कि अजित पवार के साथ सरकार राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी प्रमुख शरद पवार की मर्जी से ही बनाई गई थी। हालांकि, एनसीपी चीफ ने इस बात से इनकार किया है और फडणवीस पर झूठ बोलने के आरोप लगाए हैं।
उपमुख्यमंत्री और भाजपा नेता ने कहा, ‘हमारे पास राकांपा की ओर से प्रस्ताव आया था कि उन्हें एक स्थिर सरकार की जरूरत है और हमें मिलकर ऐसी सरकार बनानी चाहिए। हमने आगे बढ़ने और बातचीत करने का फैसला किया। बातचीत शरद पवार से हुई। फिर चीजें बदल गईं। आपने देखा कि चीजें कैसे बदलीं।’ कार्यक्रम के दौरान फडणवीस ने कहा, ‘पूरी निष्पक्षता के साथ मैं कहना चाहता हूं कि अजित पवार ने मेरे साथ ईमानदारी से शपथ ली… लेकिन बाद में उनकी (राकांपा की) रणनीति बदल गई।’ इसपर पवार ने कहा, ‘मुझे लगा कि देवेंद्र एक संस्कारी और सज्जन व्यक्ति हैं। मुझे कभी नहीं लगा कि वह झूठ का सहारा लेंगे और इस तरह का बयान देंगे।’
महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने 105 सीट पर जीत हासिल की थी, जिसके नतीजे 24 अक्टूबर, 2019 को घोषित हुए थे। भाजपा के साथ गठबंधन में रही शिवसेना ने 56 सीट पर जीत हासिल की थी। गठबंधन के पास सरकार बनाने के लिए पर्याप्त सीट होने के बावजूद, दोनों सहयोगी दलों के बीच मुख्यमंत्री का पद किसको मिलेगा, इसको लेकर विवाद हो गया, जिसके परिणामस्वरूप शिवसेना ने कांग्रेस और राकांपा के साथ मिलकर सरकार बनाने के लिए बातचीत शुरू की।
कोई नतीजा नहीं निकलने पर केंद्र ने 12 नवंबर को महाराष्ट्र में राष्ट्रपति शासन लागू कर दिया। शिवसेना, कांग्रेस और राकांपा ने गठबंधन बनाने के लिए बातचीत जारी रखी और बाद में शरद पवार ने घोषणा की कि उद्धव ठाकरे को सर्वसम्मति से नई सरकार का नेतृत्व करने के लिए चुना गया है। इस तरह, 23 नवंबर की सुबह फडणवीस और अजित पवार का शपथ ग्रहण समारोह एक आश्चर्य के रूप में आया।
इंटरव्यू के दौरान अजित की बगावत पर फडणवीस बोले, ‘क्या वह बगावत थी भी?’ उन्होंने अजित की तारीफ की और कहा, ‘वह अपनी बातों में ईमानदार थे। हमें धोखा देने का उनका कोई इरादा नहीं था।’ भाजपा नेता ने सीधी चेतावनी दी है, ‘अगर अजित पवार इस मामले पर कुछ और भी कहते हैं, तो मैं और खुलासे करूंगा।’