हर समस्या का समाधान रामायण में, इसलिए बच्चों को रामायण का पाठ अवश्य कराएं : देवकीनंदन
लखनऊ के ऐशबाग में चल रही श्रीराम कथा का तीसरा दिन
-डी.एन. वर्मा
लखनऊ : अयोध्या में भगवान श्रीराम के आगमन के उपलक्ष्य में पूज्य देवकीनंदन ठाकुरजी महाराज के पावन सानिध्य में भव्य दिव्य श्रीराम कथा और सीताराम यज्ञ का दिव्य आयोजन डीएवी कॉलेज, ऐशबाग में 24 जनवरी से 1 फरवरी 2024 तक किया जा रहा है। श्रीराम कथा के तृतीय दिवस शुक्रवार की शुरुआत विश्व शांति के लिए प्रार्थना के साथ की गई, जिसके बाद पूज्य महाराज ने भक्तों को “हम कथा सुनाते राम सकल गुणधाम की” भजन का श्रवण कराया। कथा के मुख्य यजमान यूपी के उप-मुख्यमंत्री बृजेश पाठक, डीएवी कॉलेज प्रबंधक मनमोहन तिवारी एवं प्रमुख यजमान सर्वेश पाण्डेय, मुरलीधर आहूजा, समाजसेवी अंशु गुप्ता, संजीव रतन सिंह, अरविन्द सिंह, सुरेश मिश्रा, नितिन गुप्ता ने आरती पूजन किया।
तीसरे दिन के कथा में मुख्य अतिथि के रूप में जगद्गुरु स्वामी वासुदेवाचार्यजी महाराज, स्वामी विद्याभास्कर जी महाराज पधारे जिन्होंने व्यासपीठ से आशीर्वाद प्राप्त किया। इस अवसर पर उप-मुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक ने कहा कि उत्तर प्रदेश के 25 करोड़ हिन्दुस्तानियों की तरफ से धर्मरत्न शांतिदूत पूज्य देवकीनंदन ठाकुरजी महाराज का हृदय से स्वागत करता हूँ और आभार प्रकट करता हूँ। पूज्य महाराज के श्रीमुख से राम कथा सुनी है और उसकी हर घर में चर्चा हो रही है। हर एक व्यक्ति चाहता है कि वह यहाँ आकर महाराजश्री से आशीर्वाद प्राप्त करे और रामकथा का श्रवण करे।
महाराजश्री देवकीनंदन ने सभी भक्तों को गणतंत्र दिवस की शुभकामनायें दीं और कहा हमारा भारत ऐसे ही अखंड बना रहे और ऐसे ही हमारा तिरंगा लहराता रहे और सनातन धर्म आगे बढ़ता रहे। यहाँ पर ऐसे ही कभी राम उत्सव होते रहें और कभी काशी में तो कभी मथुरा में उत्सव होते रहें। एक गोमती की धारा बह रही है और एक तरफ श्री राम धारा बह रही है। इस समय पूरे देश में राम धारा बह रही है और देश ही नहीं बल्कि पूरा विश्व ही राममय हो गया है। उत्तर प्रदेश में श्रीराम का मंदिर ही नहीं बना बल्कि मानवता व सनातन के सम्मान का मंदिर बना है। देवकीनंदन महाराज ने कहा कि आज की युवा पीढ़ी को नहीं मालूम है कि उनकी क्या मंजिल है। आज का युवा बस एक अच्छा घर, एक अच्छा पार्टनर और एक अच्छी जॉब, इन्हीं सब के आलावा युवा को अपने माँ-बाप कि भी ज़रूरत नहीं है। मनुष्य के अंदर जो अकेलापन होता है उसके लिए ही रामायण होती है। इसलिए बार-बार रामकथा और भागवत कथा होनी चाहिए।
देवकीनंदन महाराज ने कहा कि भगवान पर कभी संदेह नहीं करते हैं, श्रीराम कण-कण में हैं। मनुष्य को अपने सामर्थ्य के अनुसार परोपकार करते रहना चाहिए। जैसे मनुष्य के पास 24 घंटे होते हैं तो उसमें से कुछ समय परोपकार के लिए निकालना चाहिए। अपने जीवन में तन, मन, धन, समय सब कुछ परोपकार में लगाना चाहिए। परोपकार करने से कभी कुछ कम नहीं होता है बल्कि बढ़ता ही है। मनुष्य के जीवन में एक भी समस्या ऐसी नहीं है जिसका समाधान रामायण में न हो। आजकल की समस्या यह है कि शादियां हो जाती हैं लेकिन टिकती नहीं हैं जिसके कारण व्यक्तियों के घर टूट रहे हैं। इस का भी समाधान केवल और केवल रामायण में ही है। लोगों को अपने बेटे-बेटियों को और पोते-पोतियों को रामायण का पाठ जरूर करना चाहिए। जिस घर में रामायण का पाठ होता है, उस घर में कलह कभी नहीं होती। उन्होंने कहा हिंदू संस्कृति में आजकल शादी के बाद हनीमून कल्चर हो गया है, उसकी जगह नए वर-वधु को राम के तीर्थ पर जाना चाहिए जहां से मालूम पड़ेगा की शादी को कैसे निभाना है और शादी के बाद परिवार को कैसे चलना है? यह सिर्फ रामायण ही सिखा सकती है।
!! जय श्री राम !!