देहरादून : उत्तराखंड के वित्तीय वर्ष 2025-26 के लिए राज्य के वित्त एवं संसदीय कार्य मंत्री डा प्रेमचंद अग्रवाल ने गुरुवार को अनुमानित 1,01,034.75 करोड़ रुपए का बजट पेश किया। डा अग्रवाल ने बताया कि वर्ष 2025-26 के बजट में कोई राजस्व घाटा अनुमानित नहीं है अपितु दो हजार पांच सौ पिचासी करोड़ नवासी लाख रुपये (2,585.89 करोड़) का राजस्व अधिशेष (सरप्लस) सम्भावित है। बारह हजार छ: सौ चार करोड़ बयानवे लाख रुपये (12,604.92 करोड़) का राजकोषीय घाटा होने का अनुमान है। जोकि सकल राज्य घरेलू उत्पाद का 2.94 प्रतिशत है। यह एफआरबीएम एक्ट में निर्दिष्ट सीमा के अन्तर्गत है।
वित्त मंत्री ने बताया कि वर्ष 2025-26 के अनुमानित प्रारम्भिक शेष सत्तर करोड़ छियालीस लाख रुपये (70.46 करोड़) धनात्मक तथा वर्ष का अन्तिम शेष एक सौ उन्यासी करोड़ अठ्ठासी लाख रुपये (179.88 करोड़) धनात्मक रहना अनुमानित है। डा अग्रवाल ने बताया कि इस बजट में कुल प्राप्तियां लगभग एक लाख एक हजार चौंतीस करोड़ पचहत्तर लाख रुपये (1,01,034.75 करोड़) अनुमानित है। जिसमें बासठ हजार पांच सौ चालीस करोड़ चौव्वन लाख रुपये(62,540.54 करोड़) राजस्व प्राप्तियां तथा अड़तीस हजार चार सौ चौरानवे करोड़ इक्कीस लाख रुपये (38,494.21 करोड़) पूंजीगत प्राप्तियां हैं।
उन्होंने बताया कि वित्तीय वर्ष 2025-26 में राजस्व प्राप्तियों में कर राजस्व उन्तालीस हजार नौ सौ सतरह करोड़ चौहत्तर लाख रुपये (39,917.74 करोड़) है। जिसमें केन्द्रीय करों में राज्यांश पन्द्रह हजार नौ सौ दो करोड़ बयानवे लाख रुपये (15,902.92 करोड़) सम्मिलित है। वित्त मंत्री ने कहा कि राज्य के स्वयं के स्रोतों से कुल अनुमानित राजस्व प्राप्ति अठाईस हजार चार सौ दस करोड़ तीस लाख रुपये (28,410.30 करोड़) में कर राजस्व चौबीस हजार चौदह करोड़ बयासी लाख रुपये (24,014.82 करोड़) तथा करेत्तर राजस्व चार हजार तीन सौ पंचानवे करोड़ अड़तालीस लाख रुपये (4395.48 करोड़) अनुमानित है।
राज्य कर्मचारियों के वेतन-भत्तों पर लाभ
उन्होंने बताया कि वर्ष 2025-26 में ऋणों के प्रतिदान (डब्ल्यूएमए/अर्थोपाय अग्रिम सहित) पर छब्बीस हजार पाँच करोड़ छियासठ लाख रुपये (26,005.66 करोड़), ब्याज की अदायगी के रूप में छह हजार नौ सौ नब्बे करोड़ चौदह लाख रुपये (6,990.14 करोड़), राज्य कर्मचारियों के वेतन-भत्तों आदि पर लगभग अठारह हजार एक सौ सत्तानवे करोड़ दस लाख रुपये (18,197.10 करोड़), सहायता प्राप्त शिक्षण व अन्य संस्थाओं एवं कर्मचारियों के वेतन भत्तों के रूप में लगभग एक हजार चार सौ सैंतालीस करोड़ छब्बीस लाख रुपये (1,447.26 करोड़), पेंशन एवं अन्य सेवानिवृत्तिक लाभों के रूप में नौ हजार नौ सौ सतरह करोड़ चालीस लाख रुपये (9,917.40 करोड़), व्यय अनुमानित है।
डा अग्रवाल ने बताया कि वर्ष 2025-26 में कुल व्यय एक लाख एक हजार एक सौ पचहत्तर करोड़ तैंतीस लाख रुपये (1,01,175.33 करोड़) अनुमानित है। कुल अनुमानित व्यय में से उनसठ हजार नौ सौ चौव्वन करोड़ पैंसठ लाख रुपये (59,954.65 करोड़) राजस्व लेखे का व्यय है तथा इकतालीस हजार दो सौ बीस करोड़ अड़सठ लाख रुपये (41,220.68 करोड़) पूंजी लेखे का व्यय है।