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‘हिन्दुत्व’ के एजेंडे पर सिलसिलेवार कदम बढ़ा रहे धामी …

देहरादून: उत्तराखण्ड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी हिन्दुत्व के मुद्दे पर लगातार आक्रामक रुख अपनाए हुए हैं। देश में चल रहे औरंगजेब विवाद के बीच धामी ने ठीक ईद के दिन एक बड़ा ऐलान कर दिया। उन्होंने हरिद्वार जनपद के औरंगज़ेबपुर का नाम बदलकर शिवाजी नगर कर दिया। इतना ही नहीं प्रदेशभर के कुल 17 स्थानों नाम भी बदले गए। धामी ने खुद अपने एक्स हैंडल पर इस लिस्ट को पोस्ट किया है। उनका कहना है कि जनभावनाओं की कद्र करते हुए सरकार ने यह फैसला लिया है।

महाराष्ट्र की सियासत में मुगल शासक औरंगजेब को लेकर पिछले कई दिनों से विवाद की स्थिति बनी हुई है। यह विवाद हिन्दी फिल्म ‘छावा’ के बड़े पर्दे पर आने के बाद शुरु हुई थी। लेकिन महाराष्ट्र के सपा अध्यक्ष अबु आजमी के मुगल शासक औरंगजेब के पक्ष में दिए गए बयान के बाद मानो आगे में घी पड़ गया। पक्ष विपक्ष की ओर से इतिहास के पन्नों को पलट-पलटकर तमाम तरह के तर्क दिए जा रहे हैं। आजमी के बयान को लपक कर हिन्दूवादी संगठन देश के कई स्थानों में प्रदर्शन कर रहे हैं। संगठनों के कई नेताओं ने मांग की है कि महाराष्ट्र में औरंगजेब की कब्र हटा देनी चाहिए। अब यह बहस महाराष्ट्र से निकलकर देश के बाकी हिन्दी राज्यों में फैलती जा रही है। भाजपा के फायर ब्रांड नेता व यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का तो कहना है कि “मुगल आक्रांताओं के अत्याचार के प्रतीक मिटने चाहिए”।

अन्य प्रदेशों के मुख्यमंत्री इस पर विचार करते यह गए लेकिन उत्तराखण्ड के पुष्कर सिंह धामी ने चुपके से बड़ा फैसला ले लिया। उन्होंने एक साथ 17 ऐसे स्थानों के नामों को बदल दिया जिनका सम्बंध मुस्लिम विचारधारा से था। औरंगजेबपुर को शिवाजीनगर, गाजीवाली को आर्य नगर, चांदपुर को ज्योतिबाफुले नगर, मोहम्मदपुर जट को मोहनपुर जट, खानपुर कुर्सली को अंबेडकर नगर, इदरीशपुर को नंदपुर, खानपुर को श्रीकृष्णपुर, अकबरपुर फाजलपुर को विजयनगर, मियांवाला को रामजीवाला, पीरवाला को केसरीनगर, चांदपुर खुर्द को पृथ्वीराज नगर, अब्दुल्लापुर को दक्षनगर, नवाबी रोड को अटल मार्ग, पनचक्की से आईटीआई मार्ग को गुरु गोवलकर मार्ग तथा नगर पंचायत सुल्तानपुर पट्टी को कौशल्या पूरी कर दिया गया।

दरअसल, देश की राजनीति इन दिनों हिन्दुत्व के इर्द-गिर्द सिमटी हुई है। सत्तापक्ष से लेकर विपक्ष के तकरीबन सभी दल हिन्दुत्व के एजेंडे पर अपने कदम बढ़ाते नजर आ रहे हैं, बस फर्क इतना है कि कोई ‘हार्ड हिन्दुत्व’ पर चल रहा तो कोई ‘सॉफ्ट हिंदुत्व’ पर। विपक्ष ‘हिन्दु’ को ‘हिन्दुत्व’ से अलग बताती है जबकि बीजेपी दोनों को एक ही मानती है। मुख्यमंत्री धामी जानते हैं कि राजकाज और कामकाज के साथ हिन्दुत्व का एजेंडा भी भाजपा के लिए संजीवनी जैसा रहा है। लिहाजा, उनका फोकस हिन्दुत्व को धार देने पर भी रहा। धामी ने अब तक के अपने कार्यकाल में हिन्दुत्व की विचार धारा की मजबूती के लिए अपनी ओर से भरपूर प्रयास किए हैं। इसके लिए उन्होंने सख्त कानून बनाने से लेकर अभियान छेड़ने में कोई कसर नहीं छोड़ी। लैंड जेहाद, लव जिहाद, भूक जिहाद, यूसीसी और सख्त धर्मांतरण कानून के जरिए उन्होंने हिन्दुत्व के एजेंडे को लेकर अपनी प्रतिबद्धता जाहिर की। अब 2027 में अद्धकुम्भ मेले को भव्यदिव्य बनाने की तैयारी युद्धस्तर पर अभी से शुरू कर दी गई है। हनोल मंदिर, हरिपुर यमुना घाट कॉरीडेर, मानसखण्ड मंदिर सर्किट समेत तमाम धार्मिक स्थलों के विकास पर भी सीएम धामी का खासा जोर है। इसमें हरिद्वार, ऋषिकेश और पूर्णागिरि कॉरिडोर योजना भी शामिल है।

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