देहरादून: उत्तराखंड की धरती ने एक बार फिर साबित कर दिया कि जब जनता के दिल में भरोसा और नेता के हाथ में ठोस विज़न हो, तो जीत केवल लक्ष्य नहीं, बल्कि परंपरा बन जाती है। जिला पंचायत चुनाव में भारतीय जनता पार्टी का परचम लहराना कोई संयोग नहीं, बल्कि मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की सूक्ष्म रणनीति, अटूट मेहनत और सटीक टीम मैनेजमेंट का नतीजा है। गुरूवार को उत्तराखंड में त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव के नतीजे आने शुरू हो गए हैं। जिला पंचायत अध्यक्ष चुनाव में 11 में से 10 सीटें भाजपा (एक होल्ड) तथा ब्लॉक प्रमुख चुनाव में 89 में से 60 सीटें जीतकर नया इतिहास रचा है।

भाजपा के प्रदेशाध्यक्ष महेंद्र भट्ट ने कहा कि प्रदेशभर के जिला पंचायत के 11 अध्यक्ष पदों में से 10 पदों पर भाजपा की जीत हुई है। 70 प्रतिशत ब्लाक प्रमुख व 85 प्रतिशत प्रधान पद पर भाजपा ने सफलता प्राप्त की है। उन्होंने देहरादून जिला पंचायत पर मिली हार के बारे में कहा कि इस पर मंथन किया जाएगा और हार के कारणों की समीक्षा होगी। उन्होंने कहा कि धराली व हर्षिल आपदा को देखते हुए पार्टी ने जीत पर किसी भी प्रकार का जश्न या उत्साह नहीं मनाने का फ़ैसला लिया है।
चमोली में जिला पंचायत अध्यक्ष पद पर दौलत सिंह बिष्ट 19 मत पाकर विजेता घोषित हुए वहीं विपक्षी उम्मीदवार रमा राणा को 5 मत मिले जबकि 2 मत रिजेक्ट हो गए। जिला पंचायत उपाध्यक्ष पद हेतु लक्ष्मण सिंह 15 मत प्राप्त कर विजय घोषित हुए जबकि विपक्षी उम्मीदवार जयप्रकाश को 11 मत मिले। वहीं, पिथौरागढ़ के कनालीछीना में भाजपा के महिमन कन्याल ब्लाक प्रमुख बने। महिमन को 26 मत और कांग्रेस के प्रशांत भंडारी को 7 मत मिले। भाजपा कनालीछीना सीट बचाने में सफल रही। पिथौरागढ़ के धारचूला में भाजपा ने मारी बाजी। भाजपा की मंजुला बुदियाल विजयी। मंजुला को 27 मत, कांग्रेस की पूजा ग्वाल को 13 मत मिले। कालसी ब्लॉक में भाजपा काबिज। भाजपा प्रत्याशी ब्लॉक प्रमुख सावित्री चौहान, जेस्ट उप प्रमुख मीरा राठौर कनिष्ठ, प्रियंका चौहान को बराबर 32 – 32 वोट मिले। भाजपा की पूरी टीम जीत गई। वहीं कांग्रेस समर्पित प्रमुख प्रत्याशी चंद्रकला, जेस्ट उप प्रमुख केसर नेगी, कनिष्ठ उप प्रमुख सूरज तोमर को बराबर 8 – 8 वोट मिले।
यूएस नगर के सात ब्लॉक प्रमुख पर हुए नामांकन में काशीपुर, खटीमा और सितारगंज में भाजपा समर्थित प्रत्याशी निर्विरोध चुने गए थे। इनमें सितारगंज से भाजपा समर्थित प्रत्याशी उपकार सिंह बल, खटीमा से भाजपा समर्थित प्रत्याशी सरिता देवी और काशीपुर से भाजपा समर्थित प्रत्याशी चंद्रप्रभा जीती थीं। चार ब्लॉक प्रमुख पदों पर आज मतदान हुआ। जसपुर ब्लॉक प्रमुख पद पर भाजपा समर्थित अनूप कौर, बाजपुर ब्लॉक प्रमुख पद पर कांग्रेस समर्थित सुखमन औलख और गदरपुर ब्लॉक प्रमुख पद भाजपा समर्थित ज्योति ग्रोवर जीतीं। रुद्रपुर ब्लॉक प्रमुख पद पर भाजपा बागी रीना गौतम जीतीं।
गौर हो कि कांग्रेस, जो खुद को उत्तराखंड की राजनीति का “पुराना खिलाड़ी” मानती थी, इस चुनाव में पूरी तरह मात खा गई। कांग्रेस के पास न मुद्दा था, न विज़न और न ही नेतृत्व की स्पष्टता। दूसरी ओर धामी जी ने बूथ स्तर से लेकर ब्लॉक तक, हर मोर्चे पर अपनी टीम को सक्रिय किया। जनता की नब्ज़ पढ़कर, सही समय पर सही कदम उठाकर उन्होंने विपक्ष को मैदान से बाहर कर दिया। धामी जी ने पिछले कार्यकाल में विकास को राजनीति से ऊपर रखा। सड़क, बिजली, पानी, स्वास्थ्य, शिक्षा – हर क्षेत्र में उन्होंने ऐसे फैसले लिए जो सीधे आम जनता तक पहुंचे। उनके नेतृत्व में युवाओं को रोजगार के अवसर मिले, पर्यटन को नई उड़ान मिली और राज्य की सुरक्षा व संस्कृति को मजबूती मिली। यही कारण है कि जनता उन्हें सिर्फ मुख्यमंत्री नहीं, बल्कि अपने परिवार के भरोसेमंद सदस्य के रूप में देखती है।

उत्तराखंड की जनता ने साफ कर दिया है – धामी जी के नेतृत्व में विकास की रफ़्तार जारी रहेगी। पंचायत से लेकर विधानसभा तक बीजेपी का दबदबा कायम रहेगा। आज का यह परिणाम आने वाले चुनावों की दिशा तय कर चुका है – अब “उत्तराखंड में डबल इंजन सरकार” केवल नारा नहीं, बल्कि हकीकत बनकर जनता के सामने है।