धर्मेन्द्र प्रधान का कांग्रेस पर पलटवार, कहा- वह केवल गलत सूचना, फरेब, धोखे के सहारे ही टिकी रह सकती है
नई दिल्लीः केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने ‘‘कौशल भारत मिशन” की आलोचना के लिए कांग्रेस पर पलटवार करते हुए बृहस्पतिवार को कहा कि वह पार्टी केवल ‘‘गलत सूचना, फरेब और धोखे” के सहारे ही टिकी रह सकती है। कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने आरोप लगाया था कि कौशल प्रशिक्षण केंद्रों में 2015 से 2021 के बीच प्रशिक्षुओं की संख्या में 94 प्रतिशत की भारी गिरावट आई है और ‘‘कौशल भारत मिशन” के तहत प्रशिक्षित 83 प्रतिशत लोगों को नौकरी नहीं मिली और 20 प्रतिशत प्रशिक्षुओं ने बीच में ही पढ़ाई छोड़ दी। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के वरिष्ठ नेता इन्हीं आरोपों पर प्रतिक्रिया दे रहे थे।
प्रधान ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर पोस्ट कर कहा, ‘‘ श्रीमान खरगे साहब जानते हैं कि कांग्रेस पार्टी केवल गलत सूचना, फरेब और धोखे के सहारे ही टिकी रह सकती है। लेकिन अक्सर झूठ फैलाने की जल्दबाजी में कांग्रेस तथ्यों पर अपनी आंखें मूंद लेती है और अपने अनुसार आंकड़ों को गलत तरीके से पेश करती है।” उन्होंने कहा, ‘‘ खरगे जी जिन 40 करोड़ लोगों का हवाला दे रहे हैं, वह कामकाजी उम्र के लोगों की अनुमानित संख्या के बराबर है जो हमारी आबादी का हिस्सा माने जाते हैं। इस आबादी में लोगों को विभिन्न श्रेणियां थीं जिन्हें नए कौशल के साथ-साथ कौशल में निखार और उन्नयन की जरूरत थी।”
केंद्रीय मंत्री ने कहा, ‘‘ इससे पहले कांग्रेस नेताओं ने भारतीयों की क्षमता और सामर्थ्य पर संदेह जताया था। आज फिर कांग्रेस के नेता भारतीयों की क्षमताओं और सामर्थ्य को बढ़ाने वाली एक प्रमुख योजना पर संदेह जता रहे हैं।” खरगे ने कहा था कि भाजपा दावा करती है कि प्रधानमंत्री मोदी द्वारा 2015 में शुरू किए गए ‘कौशल भारत मिशन’ के तहत 2022 तक 40 करोड़ लोगों को प्रशिक्षित किया जाना था, जबकि दिसंबर 2023 तक केवल 3.5 प्रतिशत लोगों को प्रशिक्षित किया गया।
केंद्रीय शिक्षा एवं कौशल विकास मंत्री प्रधान ने कहा, ‘‘ वर्ष 2015 के बाद से देश भर में विभिन्न योजनाओं के तहत सात करोड़ से अधिक लोगों को रोजगारपरक कौशल उपलब्ध कराया गया। खरगे साहब को और अधिक समझाने के लिए मैं यह भी बताना चाहता हूं कि जिन तीन-चार प्रतिशत लोगों की वह बात कर रहे हैं, 1.5 करोड़ लोग अकेले कौशल भारत की एक योजना- प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना (पीएमकेवीवाई) में कुशल हुए हैं।”
प्रधान ने कहा, ‘‘केंद्र सरकार के 20 से अधिक मंत्रालय, राज्य और उद्योग संचालित कौशल संस्थान भी बड़े पैमाने पर कौशल प्रदान कर रहे हैं। पीएमकेवीवाई के 43 प्रतिशत लाभार्थियों को कार्यबल में समाहित कर लिया गया है।”