‘ढोंगी लंपट चोर ही, देते जग को सीख’, रचना को मिली काफी सराहना
लखनऊ: जानकीपुरम,लखनऊ स्थित ‘भूषण सदन ‘ में सामाजिक-सांस्कृतिक एवं साहित्यिक संस्था ‘सुन्दरम् ‘ के तत्वावधान में आयोजित मासिक आयोजन में केंद्रीय विद्यालय,अलीगंज की प्रधानाचार्या व कवयित्री संगीता यादव को ‘सुन्दरम् शिक्षा रत्न’ सम्मान से व बाराबंकी के युवा कवि ओम शर्मा ‘ओम’ जी को सुन्दरम् युवा साहित्य रत्न’ से सम्मानित किया गया । कार्यक्रम की अध्यक्षता वरिष्ठ साहित्यकार व संस्था के संस्थापक अध्यक्ष नरेन्द्र भूषण ने की। मुख्य अतिथि लब्धप्रतिष्ठ साहित्यकार छन्द मर्मज्ञ अशोक पाण्डेय ‘अशोक’ व विशिष्ट अतिथि साहित्य मनीषी कृपाशंकर श्रीवास्तव ‘विश्वास’ की उपस्थिति ने मंच को गरिमा प्रदान की। कार्यक्रम का संचालन वरिष्ठ कवि एवं चित्रकार हरि मोहन वाजपेई माधव ने किया।
साहित्य जगत में प्रतिष्ठित व श्रेष्ठ सहित्यिक सृजन के लिए सन्ध्या सिंह, संस्था सुन्दरम् के वरिष्ठ उपाध्यक्ष वरिष्ठ साहित्यकार रवींद्र नाथ तिवारी जी, मधुर कण्ठ व उत्कृष्ट रचनाओं के लिए लोकप्रिय साहित्य मनीषी मन्जुल मिश्र ‘मंज़र’, वरिष्ठ खेल पत्रकार व कवि राजेन्द्र मिश्र ‘कात्यायन’, आशु कवि व कुशल संचालक कैलाश प्रकाश त्रिपाठी ‘पुंज’ जी,गीतकार राममूर्ति सिंह ‘अधीर’, शिक्षाविद व वरिष्ठ साहित्यकार कुबेर सिंह यादव, अलका त्रिपाठी ‘विजय’, डॉ. शोभा त्रिपाठी जी, शशि शर्मा, शोभा बाजपेयी, डॉक्टर सर्मेश शर्मा, रजनीश मिश्र ‘सौम्य’, अखिल श्रीवास्तव ‘व्यथित’, मृगांक कुमार श्रीवास्तव, हरगोविँद यादव , प्रशांत त्रिपाठी, सुरेश गुप्ता ‘श्याम’ सहित तमाम साहित्यकारों ने काव्य पाठ किया। लगभग 5 घन्टे तक चले इस साहित्यिक कार्यकम में एक से एक उत्कृष्ट रचनाओं का पाठ किया गया। राजेन्द्र कात्यायन के दोहे “झूठों का है दबदबा, सच्चे मांगे भीख। ढोंगी लंपट चोर ही, देते जग को सीख।'” को काफी सराहना मिली। इसी के साथ ये एक यादगार शाम,एक अविस्मरणीय आयोजन रहा।