भोपाल रेलवे स्टेशन पर डिजिटल लॉकर की सुविधा शुरू
भोपाल : भोपाल रेलवे स्टेशन पर काम से उतरने वाले यात्रियों के लिए एक खुशखबरी है। दरअसल भोपाल रेलवे स्टेशन पर काम से उतरने वाले यात्रियों को सामान लेकर भटकने की जरूरत नहीं है। क्योंकि अब स्टेशन पर डिजिटल लॉकर/क्लॉक रूम की सुविधा शुरू हो गई है। इस सुविधा की शुरुआत प्लेटफार्म नंबर एक की ओर नए भवन के सामने की गई है। डिजिटल लॉकर में यात्री अपना सामान रखकर स्टेशन के बाहर कहीं भी घूमने जा सकते है और लॉकर की चाबी अपने पास रख सकते हैं। इसके लिए यात्रियों को मामूली सा चार्ज देना होगा।
भोपाल रेलवे स्टेशन पर यात्रियों के लिए शुरू हुई डिजिटल लॉकर सुविधा के लिए यात्रियों को 24 घंटे के लिए प्रति सामान्य 15 पर और अगले 24 घंटे के लिए ₹20 प्रति सामान देने होंगे। लॉकर की चाबी यात्री अपने साथ ले जा सकेंगे। इससे पहले यात्रियों को ट्रेन लेट होने पर या फिर काम से रेलवे स्टेशन पर उतरने के बाद सामान रखने के लिए होटलों का सहारा लेना पड़ता था। लेकिन अब डिजिटल लॉकर के शुरू होने से यात्रियों को अपने सामान की चिंता करने की जरूरत नहीं है।
सोमवार को भोपाल रेलवे स्टेशन पर डिजिटल लॉकर का शुभारंभ किया गया। रेलवे स्टेशन प्रबंधक एस एल मीणा ने बताया कि रेलवे ने 10 साल के लिए इसे निजी भागीदारी के तहत एक प्राइवेट कंपनी को सेवा शुरू करने के लिए कहा है। स्टेशन पर तीन तरह के लॉकर है। डीसीआई राजेश रैकवार ने बताया कि यात्रियों को इस नई सेवा के बारे में सभी प्लेटफार्म पर यात्रियों को जानकारी उपलब्ध कराई जा रही है। वही डीआरएम राहुल उपाध्याय ने बताया कि इस सेवा के शुरू होने से रेलवे को 10 वर्षों में 1 करोड़ रुपए का राजस्व मिलने का अनुमान है। इससे यात्री सुविधाओं का विस्तार करेंगे।
भोपाल रेलवे स्टेशन पर इलेक्ट्रॉनिक डिस्प्ले की संख्या भी बढ़ाई गई है। डीआरएम राहुल उपाध्याय ने बताया कि इन पर रुकर चलने वाली ट्रेनों से जुड़ी जानकारी प्रदर्शित होती है। जिसकी वजह से यात्रियों को भी मदद मिलती है। उन्हें बार-बार पूछताछ केंद्र पर जाने की जरूरत नहीं पड़ती। डिस्प्ले बोर्ड पर देखकर यात्री ट्रेन का सही समय का अनुमान लगा सकते हैं।
रेलवे स्टेशन प्रबंधक एस एल मीणा ने बताया कि स्टेशन को दिव्यांगों के उपयोग के अनुकूल बनाने के लिए रेलवे लगातार प्रयास कर रहा है। स्टेशन पर पूर्व से ही ब्रेल लिपि युक्त बोर्ड लगाए गए हैं इनकी संख्या भी बढ़ाई जा रही है। नए भवनों को भी दिव्यांगों के अनुकूल बनाया जा रहा है। जिससे किसी भी दिव्यांग यात्री को यात्रा करने में असुविधा ना हो।