यूक्रेन से लौटे छात्रों की पढ़ाई का खर्च उठाए केंद्र सरकार, दिग्विजय ने पीएम मोदी को लिखा पत्र
भोपाल: यूक्रेन से लौट रहे भारतीय मेडिकल स्टूडेंट्स अब अपने करियर को लेकर चिंतित हैं। छात्रों के पास फिलहाल पढ़ाई जारी रखने का कोई विकल्प नहीं है। इस समस्या को लेकर मध्यप्रदेश से राज्यसभा सांसद दिग्विजय सिंह ने प्रधानमंत्री मोदी को पत्र लिखा है। प्रधानमंत्री मोदी को संबोधित पत्र में सिंह ने लिखा है कि रूस और यूक्रेन के बीच चल रहे युद्ध के समय यूक्रेन में अध्ययनरत भारत के हजारों छात्रों का संकट दिनों दिन बढ़ता जा रहा है।
संयुक्त राष्ट्र संघ के हस्तक्षेप के बाद भी फिलहाल युद्ध विराम की संभावना नजर नहीं आ रही है। ऐसी स्थिति में यूक्रेन में फंसे मेडिकल छात्रों के सामने अपनी पढ़ाई जारी रखने पर संशय की स्थिति है। उन्होंने आगे लिखा कि यूक्रेन में चिकित्सा शिक्षा लेने गए छात्र अपने भविष्य को लेकर चिंतित है। रूस के हमलों में शैक्षणिक संस्थान भी क्षतिग्रस्त हो गए है। फिलहाल न तो युद्ध समाप्त होने की संभावना है।
यूक्रेन में चल रहा युद्ध यदि समाप्त भी हो जाता है तो वहां के मेडिकल कॉलेजों के शीघ्र प्रारंभ होने की कोई संभावना नहीं है। प्रधानमंत्री से अपील करते हुए कहा है कि चिकित्सा क्षेत्र में देश को सेवाएं देने के लिए तैयार हो रहे इन हजारों छात्रों के भविष्य को देखते हुए भारत सरकार यूक्रेन से लौटे छात्रों के लिए एक विशेष योजना बनाए और देश में चल रहे समस्त शासकीय के साथ-साथ निजी मेडिकल कॉलेजों के एमबीबीएस कोर्स में दाखिला दिलाए।
ऐसे सभी स्टूडेंट्स की फीस भारत सरकार को अपनी ओर से जमा करनी चाहिए, क्योंकि छात्रों का परिवार पूर्व में ही बड़ी धन राशि एडमीशन के नाम पर खर्च कर
चुका है। ये मध्यमवर्गीय परिवार देश के निजी मेडिकल कॉलेजों में अपने बच्चों को पढ़ाने की हैसियत नहीं रखते है। दिग्विजय सिंह ने कहा भारत सरकार यूक्रेन में
पढ़ रहे छात्रों की आशंका को दूर करते हुए जनहित में नियमों को शिथिल कर यूक्रेन से वापस स्वदेशी मेडिकल स्टूडेंट्स प्रवेश योजना बनाई जाए। साथ ही एक अभियान चलाकर सभी छात्रों को उनकी सुविधा अनुसार एडमीशन दिलाए।