नई दिल्ली : तमिलनाडु कांग्रेस में सबकुछ ठीक नहीं है। अंतरकलह की अटकलों के बीच खबर है कि वरिष्ठ नेता और पूर्व गृहमंत्री पी चिदंबरम के बेटे के खिलाफ कांग्रेस नेता ही लामबंद हो रहे हैं। शिवगंगा इकाई की तरफ से कार्ति चिदंबरम को टिकट नहीं देने की मांग की जा रही है। फिलहाल, वह इसी सीट से लोकसभा सांसद हैं। उनके पिता भी शिवगंगा से 7 बार सांसद रह चुके हैं।
शनिवार को ही इकाई ने एक प्रस्ताव पास किया है, जिसमें कार्ति को टिकट नहीं दिए जाने की बात की गई है। खास बात है कि ये सियासी घटनाक्रम ऐसे समय पर हो रहा है, जब राज्य में कांग्रेस और सत्तारूढ़ द्रविड़ मुन्नेत्र कझगम यानी DMK के बीच सीट शेयरिंग पर चर्चाएं जारी हैं। बैठक में पूर्व केंद्रीय मंत्री ईएम सुदर्शन नाचियाप्पन भी शामिल थे।
नाचियप्पन के अलावा मीटिंग में कांग्रेस की शिवगंगा इकाई के सदस्य और पी चिदंबरम के समर्थक भी मौजूद थे। बैठक के दौरान नाचियप्पन ने कार्ति की उम्मीदवारी के खिलाफ प्रस्ताव पेश किया था, जिसका मौजूद नेताओं ने सहमति जाहिर की। हालांकि, यह मौका पहली बार नहीं आया है। नाचियप्पन साल 2019 में भी कार्ति को मैदान में उतारे जाने का विरोध कर चुके हैं।
रिपोर्ट के अनुसार, पूर्व केंद्रीय मंत्री ने कहा कि बैठक का मकसद बूथ एजेंट्स की नियुक्ति थी, लेकिन ‘भारी भीड़ जुट गई और कार्ति को दोबारा शिवगंगा से उतारे जाने के खिलाफ प्रस्ताव पास करने की मांग उठाने लगी।’ उन्होंने कार्ति की तरफ से हाल ही में दिए गए बयान का हवाला दिया, जिसमें कहा गया था, ‘मोदी का कोई मुकाबला नहीं है, राहुल गांधी भी नहीं।