मध्यप्रदेश में जिला पंचायत अध्यक्ष चुनाव नतीजे 40 जिलों में भाजपा का कब्ज़ा

भोपाल : मध्यप्रदेश की 52 जिला पंचायतों में से सीधी को छोड़कर सभी 51 जिला पंचायतों के अध्यक्ष-उपाध्यक्ष के नतीजे आ गए हैं। इनमें से 40 जिलों में भाजपा समर्थक अध्यक्ष बने हैं। 10 में कांग्रेस समर्थक अध्यक्ष बने हैं। सिवनी में गोंडवाना गणतंत्र पार्टी का समर्थित अध्यक्ष बना है। बालाघाट में कांग्रेस के बागी और बड़वानी में बीजेपी के बागी जीते हैं। सीधी का मामला कोर्ट में विचाराधीन होने के कारण यहां चुनाव नहीं हुए।
पिछली बार हुए जिला पंचायत के चुनावों में 41 जिलों में बीजेपी समर्थक अध्यक्ष थे। वहीं 10 जिलों में कांग्रेस समर्थक अध्यक्ष थे। इस लिहाज से इस बार बीजेपी को एक जिले में नुकसान हुआ है, जबकि कांग्रेस को एक जिले में बढ़त मिली है। हालांकि बीजेपी का दावा है कि इस बार भी 41 जिला पंचायतों में उनके समर्थक अध्यक्ष पद पर जीते हैं।
भोपाल जिला पंचायत अध्यक्ष के चुनाव में ऐन वक्त पर बड़ा उलटफेर हो गया। कांग्रेस जिला उपाध्यक्ष नवरंग गुर्जर की पत्नी रामकुंवर गुर्जर जिला पंचायत अध्यक्ष बन गई हैं। भाजपा ने रामकुंवर गुर्जर को उम्मीदवार बनाया था। इससे पहले कांग्रेस की तरफ से रश्मि अवनीश भार्गव को जिला पंचायत अध्यक्ष का प्रबल दावेदार माना जा रहा था। भाजपा ने नवरंग गुर्जर को अपने पाले में लेकर उनकी पत्नी को उम्मीदवार घोषित कर दिया।
प्रदेश के कई जिलों में हंगामा हुआ है. वहीं कई जगह सत्ताधारी बीजेपी और विपक्षी कांग्रेस के कार्यकर्ता-नेता आमने सामने आ गए. ऐसा ही एक मामला राजधानी भोपाल में भी देखने को मिला. वहां जिला पंचायत दफ्तर के बाहर कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह और विधायक और मंत्री विश्वास सारंग के बीच झड़प हो गई. कांग्रेस नेताओं ने आरोप लगाया कि चुनाव में जिला प्रशासन और पुलिस सरकार के दबाव में काम कर रहा है.
भोपाल में कांग्रेस ने बीजेपी पर अपने चार जिला पंचायत सदस्यों को अगवा करने का आरोप लगाया. कांग्रेस का कहना है कि जिला प्रशासन बीजेपी कार्यकर्ता की तरफ काम कर रहा है. प्रदेश के मंत्री भूपेंद्र सिंह अपनी गाड़ी से अपने समर्थित प्रत्याशी के साथ पहुंचे. दिग्विजय सिंह और आरिफ मसूद ने उनकी गाड़ी को अंदर जाने से रोक दिया. इसके बाद वहां विवाद हो गया.
न्यूज एजेंसी एएनआई के मुताबिक बीजेपी के विधायक और प्रदेश सरकार के मंत्री भूपिंदर सिंह ने कहा कि यह मेरी निजी कार है. मैं एक मंत्री हूं और एक मंत्री को मिलने वाली सुरक्षा व्यवस्था मेरे पास है. अगर कोई अगवा हुआ है तो उसके परिवार को इसकी शिकायत करनी चाहिए. उसके परिवार को इसको लेकर चिंता जतानी चाहिए. कांग्रेस को भी इसकी रिपोर्ट करनी चाहिए.
वहीं कांग्रेस नेता और राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने कहा कि अगर कोई अनपढ़ है और वह मतदान करने में सक्षम नहीं है तो वह अपने परिवार के किसी सदस्य को इसके लिए ले सकता है. लेकिन यहां 9 वोट फर्जी मेडिकल सर्टिफिकेट के आधार पर डाले गए हैं. यहां लोग सरकारी कारों में लाए जा रहे हैं और वो वोट डाल रहे हैं. यह चुनाव के नियमों का सरासर उल्लंघन है.