जिला पंचायत अध्यक्ष ने जिला बाल संरक्षण समिति की बैठक कर दिए जरूरी निर्देश
रायबरेली -जिला पंचायत भवन में जिला पंचायत अध्यक्ष रंजना चौधरी की अध्यक्षता में जिला बाल संरक्षण समिति की बैठक आहूत की गई जिसमें एमएलसी दिनेश प्रताप सिंह ने जिला बाल संरक्षण समिति की बैठक के सम्बन्ध में विशेष रूप से एजेण्डा बिन्दुओं पर चर्चा कर अपने सुझाव दिये। बैठक में उपस्थित विधान परिषद सदस्य दिनेश प्रताप सिंह ने अपने विचार करते हुए कहा कि बैठक में पिछली बैठक में की गई कार्यवाही को सम्मिलित न किया जाना दुर्भाग्यपूर्ण है। उन्होंने कहा कि ग्राम स्तर पर गठित बाल संरक्षण समिति द्वारा ग्रामों में बाल संरक्षण से संबंधित कोई बैठकें आयोजित नहीं की गई जो नियमानुसार प्रत्येक 3 माह के अंतराल पर बैटक कर प्रगति के बारे में जानकारी व समीक्षा की जानी चाहिए। बैठक में कार्यवाही आगे बढाते हुए जिला प्रोबेशन अधिकारी कमलाकांत ने अवगत कराया गया कि सीपीएस योजना के अंतर्गत ब्लाक स्तर पर ब्लाक बाल संरक्षण समिति एवं ग्राम स्तर पर ग्राम बाल संरक्षण समिति का गठन किया गया है उनके कार्यो एवं दायित्वों के बारे में समिति को विस्तार से बताया गया है। बाल कल्याण समिति रायबरेली में 1 अध्यक्ष एवं 4 सदस्यों की नियुक्ति की गई है। जो अपने कार्यो का भली-भांति निर्वहन कर रहे है।
बाल कल्याण समिति के अध्यक्ष ओजस्कर पाण्डेय ने बाल कल्याण समिति की पूरी जानकारी दी। उन्होंन बताया कि किशोर न्याय (बालकों की देखरेख और संरक्षण) अधिनियम, 2015 की धारा 27 के अनुसार राज्य सरकार द्वारा राजपत्र में अधिसूचना के माध्यम से देखभाल एवं संरक्षण की आवश्यकता वाले बच्चों की देखरेख, संरक्षण, उपचार, विकास और पुनर्वास के लिए प्रत्येक जिले में गठित एक वैधानिक प्राधिकरण है, जिसे दंड प्रक्रिया संहिता, 1973 के अंतर्गत प्रथम श्रेणी न्यायिक मजिस्ट्रेट या महानगर मजिस्टेªट की शक्तियां प्राप्त है। समिति में 1 अध्यक्ष एवं 4 सदस्य (एक महिला) होंगे, जिनमें से एक सदस्य बच्चों से संबंधित विषयों का विषेषज्ञ होगा। विधान परिषद सदस्य दिनेश प्रताप सिंह ने बाल कल्याण समिति के कार्य एवं उत्तरदायित्व के संबंध में जानकारी चाही तो अध्यक्ष ओजस्कर पाण्डेय ने बताया कि किशोर न्याय (बालकों की देखरेख और संरक्षण) अधिनियम, की धारा 30 एवं आदर्श नियम, 2016 के नियम 17 के अनुसार समिति के कार्य और उत्तरदायित्व में समिति के समक्ष प्रस्तुत किये गये बच्चों के संबंध में संज्ञान लेना। बच्चों की सुरक्षा और कल्याण से संबंधित तथ्यों/मुद्दों पर जांच करना। देखरेख और संरक्षण की आवश्यकता रखने वाले बच्चों की देखरेख के लिए उपयुक्त व्यक्ति/उपयुक्त सुविधा घोषित करने हेतु जांच करना। प्रोबेशन अधिकारी ने कहा कि मुख्यमंत्री बाल सेवा योजना एवं मुख्यमंत्री बाल सेवा योजना सामान्य में जनपद स्तर पर 92 बच्चों का चयन किया गया है जिसमें 9 बच्चें बाल सेवा योजना सामान्य से सम्बन्धित है कि जानकारी दी गई।
अध्यक्ष रंजना चौधरी व एमएलसी ने बाल कल्याण समिति के नये कार्यालय की स्थापना हेतु निर्देश दिये कि पुरानी तहसील में स्थित भवन का मरम्मत कराकर स्थानानंतरित की जाए। अध्यक्ष ने यह भी निर्देश दिये कि जिला बाल संरक्षण समिति की बैठक प्रत्येक तीन माह में अवश्य कराई जाए तथा मुख्यमंत्री बाल सेवा योजना एवं मुख्यमंत्री बाल सेवा योजना सामान्य का प्रचार-प्रसार वृहद पैमाने पर करते हुए ज्यादा से ज्यादा बच्चे योजना से लाभान्वित हो सके। जिला प्रोबेशन अधिकारी द्वारा बताया गया कि बाल संरक्षण समिति द्वारा बच्चों की देखरेख व संरक्षण के जरूरतमंद बच्चें व ड्राप आउट बच्चों की पहचान कर उन्हें बच्चों को जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी द्वारा विद्यालय भेजने के लिए प्रेरित किया जा रहा है। जनपद में भिक्षावृत्ति एवं बालकों में नशाखोरी, रोकथाम हेतु भी जागरूकता कार्यक्रम किये जा रहे है। जिला पंचायत अध्यक्ष रंजना चौधरी ने जिला बाल संरक्षण समिति शासन की महत्वपूर्ण समितियों में से एक है।
इस मौके पर जिला प्रोबेशन अधिकारी कमलाकान्त, उप मुख्य चिकित्साधिकारी, सूचना विभाग के बड़े लाल यादव, जिला कार्यक्रम अधिकारी, जिला विद्यालय निरीक्षक, जिला पंचायत राज अधिकारी, डीसी मनरेगा, सहायक श्रमायुक्त मनोज कुमार, प्रभारी ए0एच0टी0यू0 अध्यक्ष बाल कल्याण समिति ओजस्कर पाण्डेय व सदस्य मिलिंद कुमार द्वेदी, पूनम सिंह, रूपा गुप्ता व राजेश्वरी सिंह व संरक्षण अधिकारी वीरेन्द्र पाल उपस्थित रहे।