चमोली : जिलाधिकारी हिमांशु खुराना ने गुरूवार को क्लेक्ट्रेट सभागार में जल जीवन मिशन के तहत संचालित कार्यो की प्रगति समीक्षा की। जिसमें अधीक्षण अभियंता को जल जीवन मिशन कार्यो की नियमित निगरानी करने और कार्यदायी संस्थाओं को निर्धारित समयावधि में कार्य पूर्ण करने के निर्देश दिए गए। जिलाधिकारी ने जल संस्थान एवं जल निगम के अधिकारियों को निर्देशित किया कि जिन योजनाओं के टेंडर नही हुए है उनके तत्काल टेंडर किए जाए। इसके अलावा जिन गांवों में विवाद के कारण योजनाओं का कार्य लंबित है वहां पर स्थानीय जनप्रतिनिधियों एवं गांव वालों के साथ बैठक करते हुए समस्याओं का शीघ्र समाधान करें। सभी स्रोतों से वाटर टेस्टिंग के लिए सैंपल जल संस्थान को भेजना सुनिश्चित करें। उन्होंने एफएचटीसी के तहत संचालित कार्यो की मॉनिटरिंग करते हुए रेग्यूलर इसकी प्रगति रिपोर्ट भी उपलब्ध कराने के निर्देश दिए।
जिलाधिकारी ने कहा कि एफएचटीसी कार्यो के अन्तर्गत सभी ग्राम पंचायत भवन, हेल्थ एवं वेलनेस सेंटर और आश्रमों में भी जल संयोजन कराना सुनिश्चित किया जाए। उन्होंने कार्यदायी संस्थाओं को संबधित विभागों से समन्वय बनाकर जल जीवन मिशन कार्यो को समयबद्व ढंग से पूरा करने के निर्देश दिए। कहा कि इसमें किसी प्रकार की शिथिलता बर्दाश्त नही की जाएगी। एफएचटीसी कार्यो में जल निगम कर्णप्रयाग की धीमी प्रगति को देखते हुए जिलाधिकारी ने अधिशासी अभियंता को चेतावनी भी जारी की। कहा कि कार्यो में प्रगति न मिलने पर सख्त कार्रवाई की जाएगी। इस दौरान सभी डिविजनों के तहत संचालित कार्यो की गहन समीक्षा की गई।
जल जीवन मिशन के नोडल अधिकारी/जल निगम के अधीक्षण अभियंता महेन्द्र सिंह ने अवगत कराया कि जल जीवन मिशन के अन्तर्गत में 50857 घरेलू जल संयोजन के सापेक्ष अभी तक 35473 घरेलू जल संयोजन किए जा चुके है और 367 गांवों में एफएचटीसी का कार्य शतप्रतिशत पूरा कर लिया गया है। अवशेष 15384 घरेलू संयोजन का कार्य प्रगति पर है। पेयजल योजनाओं के पुर्नगठन एवं जल स्रोतों के सुधारीकरण योजनाओं के लिए स्वीकृत 772 आंगणन में से 770 के टेंडर हो चुके है तथा संचालित 725 कार्यो में से 626 कार्य पूरे हो गए है और 99 योजनाओं में काम चल रहा है। इसके अलावा 1120 ग्राम पंचायतों में विलेज वाटर सेनेटाइजेशन कमेटी का गठन किया गया है और 1108 गांवों का विलेज एक्शन प्लान ऑनलाइन किया गया है। बैठक में मुख्य विकास अधिकारी वरूण चौधरी, एसई जल निगम महेन्द्र सिंह, डीपीआरओ राजेन्द्र सिंह गुज्यिाल सहित जल संस्थान व जल निगम के सभी डिविजनों से अधिशासी अभियंता व सहायक अभियंता उपस्थित थे।