ब्रिटेन में वैज्ञानिक तकनीक से जन्मा Super Baby, बच्चे में तीन लोगों का डीएनए
लंदन : ब्रिटेन में पहले सुपर बेबी ने जन्म लिया है। वैज्ञानिक तकनीक की मदद से जन्मे इस बच्चे में तीन लोगों का डीएनए है। इस प्रक्रिया में माता-पिता के 99.8% व एक अन्य महिला के 0.1% डीएनए का उपयोग किया गया। इसके लिए माइटोकॉन्ड्रियल डोनर ट्रीटमेंट (एमडीटी) तकनीक का उपयोग किया गया है।
एमडीटी तकनीक नवजात बच्चों को होने वाली खतरनाक और लाइलाज आनुवांशिक बीमारी माइटोकॉन्ड्रियल से बचाएगी। ब्रिटेन में कई बच्चे इस बीमारी के साथ पैदा होते हैं। यह रोग जन्म के कुछ दिनों या घंटों में घातक साबित हो सकता है। यह रोग जन्म देने वाली मां से बच्चे में स्थानांतरित होता है। बच्चे के पास उसके माता-पिता का न्यूक्लियर डीएनए होगा। वह व्यक्तित्व व आंखों के रंग जैसी विशेषताएं माता-पिता से ही लेगा।
एमडीटी से अमेरिका में भी हो चुका बच्चे का जन्म:
एमडीटी तकनीक का उपयोग 2016 में अमेरिका में किया जा चुका है। तब जॉर्डन के एक परिवार के यहां इससे बच्चे को जन्म दिया गया था।
एमडीटी में एक स्वस्थ्य महिला दानकर्ता के अंडों से ऊतक लेकर आईवीएफ भ्रूण तैयार किया जाता है। इस भ्रूण में जैविक माता-पिता के स्पर्म और एग के माइटोकॉन्ड्रिया को मिलाया जाता है। यदि जन्म के समय जेनेटिक म्यूटेशन के कारण माइटोकॉन्ड्रिया को कोई नुकसान होता है, तो बच्चे का सही से विकास नहीं हो पाता है। यह भ्रूण जिस के गर्भ में पलता है, उसकी बीमारियों से सुरक्षित रहता है।