अगर आपके आस-पास में कोई ऐसा व्यक्ति है, जो उदासी, अवसाद या अकेलेपन का शिकार हो रहा हो तो आप उसे रोज योग और एक्सर्साइज करने की सलाह देकर उसकी दिक्कतें आसान कर सकते हैं…
बायो कैमिकल चेंजेज
-नियमित एक्सर्साइज करने से हमारे शरीर में इंडोर्फिन हॉर्मोन का स्तर बढ़ता है। यह हमारे मूड को बेहतर बनाने का काम करता है। इंडोर्फिन के कारण हम लंबे समय तक खुद को लाइट और स्ट्रेस फ्री फील करते हैं। इसलिए अगर आपको एक्सर्साइज करना पसंद ना हो तो 30 मिनट के लिए म्यूजिक चलाकर डांस भी कर सकते हैं।
-रोज योग और व्यायाम करना हमारे शरीर में स्थित एड्रिनल ग्लैंड को ऐक्टिवेट करता है, इससे हमारे शरीर में एनर्जी का लेवल हाई होता है। जब हम खुद को ऊर्जावान महसूस करते हैं तो हम पर तनाव और अवसाद का प्रभाव कम होता है। यदि नियमित रूप से ऐसा किया जाए तो हम इन मानसिक समस्याओं से पूरी तरह भी बाहर आ सकते हैं।
-नियमित तौर पर फिजिकल ऐक्टिविटीज करने से हमारे मस्तिष्क में डोपामाइन का सीक्रेशन बढ़ता है। यह हॉर्मोन एक प्लेजर हॉर्मोन कहलाता है, जो हमारे मूड को लाइट कर हमें खुशी का अहसास कराता है।
योग और व्यायाम से शारीरिक बदलाव
- नियमित रूप से योग करने पर हमारे शरीर का एक्स्ट्रा फैट पिंघलने लगता है। हमारी बॉडी शेप में आने लगती है। ऐसे में खुद को देखकर खुशी होती है और हमारा आत्मविश्वास बढ़ता है। बढ़ा हुआ कॉन्फिडेंस हमें अवसाद और तनाव जैसी दिक्कतों से दूर रखता है।
- रोज एक्सर्साइज करने से हमारा एनर्जी लेवल हाई होता है। जब हम खुद को ऊर्जावान अनुभव करते हैं तो अपना हर काम निश्चित समय पर और सही तरीके से पूरा कर पाते हैं। ऐसा करने से भी हमारे मन को खुशी मिलती है और तनाव का स्तर घटता है।
- दिन का पूरा उपयोग होता है और जीवनशैली सही रहती है। आपको लगता है कि आपके काम की गुणवत्ता और संख्या बढ़ी है। ऐसा इसलिए होता है क्योंकि रोज एक्सर्साइज करने से हमारी मानसिक एकाग्रता में बढ़ोतरी होती है। जब हम शांत और एकाग्र मन से कोई काम करते हैं तो हमें परिणाम भी उसी के अनुसार अच्छे मिलते हैं।
नींद की गुणवत्ता
- एक्सर्साइज करने से हमारी नींद की गुणवत्ता अच्छी होती है। ऐसा इसलिए होता है क्योंकि जब नियमित रूप हम व्यायाम करते हैं तो हमारे मस्तिष्क में मेलाटोनिन हॉर्मोन का उत्पादन बढ़ जाता है। मेलाटोनिन हॉर्मोन हमारी नींद के साइकल को मेंटेन करता है।
- मेलाटोनिन से हमारा दिमाग शांत होता है, नींद गहरी आती है और नींद क्रम बना रहता है। यानी नींद अच्छी तरह और पूरी आती है। इससे जब आप नींद से जागते हैं तो खुद को बहुत अधिक ऊर्जावान अनुभव करते हैं।
पाचन तंत्र पर एक्सर्साइज का असर
-नियमित रूप से एक्सर्साइज करना हमारे पाचन तंत्र को बूस्ट कर देता है। इससे हमें समय पर और ठीक प्रकार से भूख लगती है। आमतौर पर डिप्रेशन या अवसाद के मरीजों को भूख कम लगती है और नींद भी कम आती है।
- जबकि रोज योग और व्यायाम के जरिए इन दोनों समस्याओं को नियंत्रित किया जा सकता है। हालांकि डिप्रेशन के कुछ मरीजों में नींद अधिक आने और भूख भी बहुत अधिक लगने के लक्षण दिखाई पड़ते हैं।
- हाई बीपी या हाइपर टेंशन और शुगर की बीमारी डिप्रेशन की एक बड़ी वजह मानी जाती है। जबकि नियमित एक्सर्साइज से ब्लड प्रेशर और डायबिटीज दोनों को नियंत्रित किया जा सकता है।